World Elephant Day: दुनियाभर में 12 अगस्त यानि आज के दिन को हाथी दिवस (World Elephant Day) के रूप में मनाया जाता है। एशियाई और अफ्रीकी हाथियों की दुर्दशा के बारे में जागरूकता पैदा करने और ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को पहली बार 12 अगस्त, 2012 को मनाया गया था।
जंगली में मानव गतिविधियों जैसे कि अवैध शिकार, मानव-हाथी संघर्ष, और कैद में दुर्व्यवहार दोनों अफ्रीकी और एशियाई हाथियों के अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा बन गए हैं। अफ्रीकी हाथियों को ‘असुरक्षित’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है वहीं एशियाई हाथियों को ‘लुप्तप्राय’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
हाथियों की मौत के मामले में केरल भारत का सबसे बदनाम राज्य है, जहां हर तीन दिन में एक हाथी मारा जाता है। किसी जानवर को नुकसान पहुंचाना या उसे मारने पर वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत तीन साल तक की सजा और 25 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। दोबारा ऐसा करने पर सात साल तक की सजा हो सकती है।
विश्व हाथी दिवस से पहले एक कार्यक्रम में यह आंकड़ा जारी करते हुये पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि इंसानों एवं हाथियों का आमना सामना होने के कारण ही दोनों की मौत होती है । हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाया जाता है । देश में साल 2017 में आखिरी बार हाथियों की गिनती की गई थी।
2017 की गई गिनती के अनुसार भारत में 30 हजार हाथी मौजूद है । समारोह को संबोधित करते हुये केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हाथियों का संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पारिस्थितिकीय प्रणाली को संतुलित रखता है। उन्होंने कहा कि हाथियों को जंगलों में रखना पड़ता है जिसके लिए चारा और पानी बढ़ाने का कार्यक्रम भी शुरू किया गया है ।
इंसानों एवं हाथियों के बीच होने वाले संघर्ष में मरने वालों का आंकड़ा देते हुये अतिरिक्त वन महानिदेशक सौमित्र दासगुप्ता ने कहा कि सैकड़ों हाथी इंसानों के संपर्क में आते हैं । दासगुप्ता ने कहा, ‘इस संघर्ष में हर साल 500 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है जबकि 100 से अधिक हाथियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ती है ।