प्राइवेट सेक्टर का सबसे बड़ा ऋणदाता बैंक एचडीएफसी (HDFC) 22.70 बिलियन अमरीकी डॉलर के साथ सबसे कीमती भारतीय ब्रांड बनकर उभरा है। दुनिया के सबसे बड़े मीडिया खरीदार WPP द्वारा तैयार शीर्ष दस ब्रांडों की सूची में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा, दूरसंचार और ऑटो सेगमेंट की कंपनियां शामिल हैं।
किसी भी कंपनी या ब्रांड की कीमत या अहमियत का सीधा असर ब्रांड के भविष्य पर देखने को मिलता है। टेलीकॉम सेक्टर इसका सबसे अच्छा उदाहरण है जहां एयरटेल की वैल्यू 10 फीसदी गिरकर 10 बिलियन डॉलर हो गई, जबकि रिलायंस जियो की वैल्यू 34 फीसदी बढ़कर 5.47 बिलियन डॉलर हो गई है।
मुकेश अंबानी द्वारा संचालित सबसे बड़ी टेल्को को ब्रांडों की सूची में नौवें स्थान पर रखा गया, जबकि दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी एयरटेल अभी भी चौथे स्थान पर काबिज है।
सरकारी कंपनियों की बात करें तो इंश्योरेंस सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी एलआईसी 2 प्रतिशत की वृद्धि और 20 बिलियन अमरीकी डॉलर वैल्यू के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई 7 प्रतिशत की वृद्धि और 8.40 बिलियन अमरीकी डालर वैल्यू के साथ पांचवें स्थान पर रहा।
ऑटो सेक्टर में मंदी का असर देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी पर देखने को मिला है, जिसकी ब्रांड वैल्यू 14 प्रतिशत घटकर 5.93 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।