दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख को लेकर सस्पेंस आज समाप्त हो जाएगा। चुनाव आयोग आज दोपहर 3.30 पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख की जानकारी देगा। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली हैं। दिल्ली चुनाव कार्यालय आज यह भी साफ कर देगा कि राजधानी में कितने लोग वोट कर पाएंगे। वह वोटरों की फाइनल लिस्ट भी घोषित करने जा रहा है। इस लिस्ट के अलावा किसी को भी वोट डालने का अधिकार नहीं होगा, चाहे उसके पास कितने भी दस्तावेज हों।
गौरतलब है कि दिल्ली के स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा 15 फरवरी से शुरू हो रही है। ऐसे में दिल्ली के विधानसभा चुनाव 15 फरवरी से पहले कराए जा सकते हैं।
करीब ढाई लाख नए वोटर जुड़े
दिल्ली चुनाव कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों उसने वोटरों की एक लिस्ट घोषित की थी। दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने बताया था कि मतदाता पहचान पत्रों के संशोधन का काम 15 नवंबर 2019 को शुरू हुआ था, जो 16 दिसंबर 2019 को पूरा हो चुका है। यह भी कहा गया था कि फाइनल लिस्ट में बदलाव हो सकता है। क्योंकि उसके चलाए अभियान और वेबसाइट पर आए आवेदनों के बाद राजधानी में वोटरों की संख्या 1 करोड़, 45 लाख, 72 हजार, 385 हो गई है।
लोकसभा चुनाव के समय दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1 करोड़, 43 लाख, 16 हजार, 453 थी। इस लिस्ट में पुरुष वोटरों की संख्या करीब 79.73 लाख व महिला वोटरों की संख्या लगभग 65.73 लाख है। जबकि ट्रांसजेंडर वोटरों की संख्या 700 के आसपास है। सूत्र के अनुसार इसमें करीब 2.5 लाख नए वोटर जुड़े हैं।
केजरीवाल के सामने प्रदर्शन दोहराने की चुनौती
दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं। दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने सत्ता में दुबारा लौटने की चुनौती है। केजरीवाल अपने पांच साल के कामकाज को लेकर चुनावी मैदान में उतरे हैं। बीजेपी दिल्ली में करीब 21 साल से सत्ता का वनवास झेल रही है, ऐसे में सत्ता में वापसी के लिए पार्टी हरसंभव कोशिश में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह तक दिल्ली में रैलियां कर चुके हैं। वहीं, कांग्रेस अपना सियासी वजूद बचाने और अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने की कोशिश में जुटी है।
बता दें, साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से बीजेपी महज 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी जबकि 67 सीटें आम आदमी पार्टी को मिली थीं। इस चुनाव में कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी।