मध्यप्रदेश : नीमच की पुलिस का कारनामा, 15 साल की नाबालिग को 19 साल का बताया

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कहा जाता है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए, तो आखिर गुहार किससे लगाई जाए। मध्यप्रदेश के नीमच जिले में पुलिस ने अनोखा कारनामा कर दिखाया है। यहां एक नाबालिग की गुमशुदगी का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। जहां पुलिस ने नाबालिग युवती को उसके परिजनों को न सौंपते हुए एक शादीशुदा युवक के सौंप दिया। वहीं जब युवती की मां इसका विरोध किया तो पुलिस ने उसे डांटकर भगा दिया। जिसके बाद अब युवती की मां ने एसीप के समझा गुहार ​लगाई है।

क्या है पूरा मामला?

खबरों के अनुसार मध्यप्रदेश जिले के जीरन पुलिस ने अजीब कारनामा कर दिखाया है। कुछ दिन पहले जीरन के गांधीनगर निवासी विधवा महिला की नाबालिग बालिका लापता हो गई थी। जिसे पुलिस ने राजस्थान से बरामद किया और उसी शादीशुदा युवक को सौंप दिया जो उसे भगाकर ले गया था। हद तो तब हो गई जब बरामदगी के लिए गाड़ी की व्यवस्था भी नाबालिग की मां से कराई और बाद में उसे थाने से धक्के देकर बाहर निकाल दिया।


पीड़ित मां को शक था कि जीरन का ही उमेश कलाल नामक व्यक्ति बेटी को भगा ले गया है। मां ने गुमशुदगी दर्ज कराने के साथ उमेश पर आशंका जताई। इधर दोनों युवक-युवतियों को मावली राजस्थान पुलिस ने पकड़ लिया। जीरन पुलिस ने पीड़ित मां से बेटी को लाने के नाम पर रुपए लिए और बाद में बेटी को न सौंपते हुए पुन: उसी व्यक्ति के सौंप दिया जो भगाकर ले गया था। हद तो तब हो गई जब पुलिस को पता था कि भगाकर ले जाने वाला युवक पहले से शादीशुदा है और एक बच्चे का बाप है। बावजूद इसके बेटी मां को नहीं सौपा। शादीशुदा युवक एक बच्चे का पिता भी है। जब मीडिया ने पुलिस से  नाबालिग युवती और भगा कर ले जाने वाले युवक को छोड़ने का कारण पूछा तो पुलिस ने बताया कि युवती की उम्र 19 साल है और वो उसकी मर्जी से इस युवक के साथ रहना चाहती है। इसी दौरान नाबालिग युवती की मां पुलिस पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर जबरन बालिग साबित करने का आरोप भी लगाया।

 किसी ने नहीं सुनी तो एसपी से लगाई गुहार

गौरतलब है कि, पीड़िता की फरियाद न टीआई जितेंद्र सिंह सिसौदिया ने सुनी और न ही सब इस्पेक्टर नागेश यादव ने।जिसके बाद मजबूरन  पीड़ित महिला ने एसपी से अपनी बेटी वापस दिलाने गुहार लगाई और जीरन टीआई जितेंद्र सिंह सिसौदिया और नागेश यादव पर कार्रवाई करने की मांग की।

पीड़ित मां ने एसपी सगर को शिकायत करते हुए बेटी को नाबालिग बताए जाने वाले सारे दस्तावेज सौंपे।  स्कूल से जारी प्रमाण पत्र में बेटी का जन्म 15 जून 2004 है जो कि 15 जून 2019 को 15 साल की हो रही है। इतना पुख्ता जन्म प्रमाण पत्र होने के बाद भी पुलिस ने एक नाबालिग को कैसे सुपुर्द कर दिया। जांच के आदेश दिए कार्रवाई करेंगे पूरे मामले में पीड़िता को सुना गया है। जांच के आदेश दिए हैं। अगर पुलिस कर्मी दोषी हैं तो कार्यवाही भी करेंगे। – राकेश सगर, एसपी बेटी लाना है तो गाड़ी भाड़ा दो गरीब और विधवा महिला की नाबालिग बेटी को मावली से लाने के लिए भी जीरन पुलिस ने एसी गाड़ी की डिमांड की। मां ने रुपए दिए तब जाकर बेटी लेकर आए और बाद में उसे ही नहीं सौंपी।


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