बिहार: गोपालगंज के रोहित जायसवाल केस को सांप्रदायिक रंग देने के लिए ‘ऑप-इंडिया’ के खिलाफ FIR दर्ज

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बिहार: गोपालगंज के रोहित जायसवाल केस को सांप्रदायिक रंग देने के लिए 'ऑप-इंडिया' के खिलाफ FIR दर्ज

बिहार के गोपालगंज जिले के कटेया थाना क्षेत्र की एक घटना पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है। गत 28 मार्च को बेलाडीह गांव में घटी इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे किए जा रहे हैं। यहाँ एक नाबालिग की नदी में डूबने से मौत हो गई थी, लेकिन घटना के एक महीने बाद इसे मस्जिद से जोड़कर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में राइट विंग प्रोपगैंडा वेबसाइट ‘ऑप इंडिया’ और ‘ख़बर तक’ नामक एक पोर्टल के ख़िलाफ़ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए एफआईआर दर्ज कर लिया है।

जानें क्या है मामला?

रिपोर्ट के मुताबिक, 28 मार्च को बेलाडीह के कुछ नाबालिग लड़के 15 साल के रोहित जायसवाल को कथित तौर पर क्रिकेट खेलने के लिए घर से बुलाकर ले गए। इन लड़कों में ज़्यादातर मुस्लिम थे और कुछ हिंदू। लेकिन रोहित रात में घर नहीं लौटा तो परिवार वालों को चिंता सताने लगी। सुबह होते ही उसके परिजनों ने खोजबीन शुरू कर दी। इसी दौरान प्रियांशु कुशवाहा नामक एक किशोर ने बताया कि वह गांव से 2-3 किलोमीटर दूर खनुआ नदी में डूब गया है। ग्रामीणों ने बड़ी मशक्क्त से नदी से रोहित जायसवाल का शव निकाला।


मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि मुस्लिम युवकों ने रोहित की गला दबाकर हत्या कर दी और फिर उसकी लाश को नदी में फेंक दिया। रोहित के पिता राजेश जायसवाल ने 6 लोगों के खिलाफ थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गिरफ्तार हुए 5 लड़कों में से 4 नाबालिग हैं। उन्हें कोर्ट से बेल मिल गई है और छठा अभी तक फ़रार बताया जा रहा है।

इस घटना के करीब डेढ़ महीने के बाद मामला फिर से चर्चा में आया जब 9 मई को प्रोपेगैंडा वेबसाइट “ऑप-इंडिया” ने इस घटना को मस्जिद से जोड़ते हुए रिपोर्ट की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि “मस्जिद को शक्तिशाली बनाने” के लिए हिंदू बच्चे की बलि दी गई। इस रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि पुलिस प्रताड़ना के बाद पीड़ित परिवार ने गांव छोड़ दिया है और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में रहने चला गया है। “ऑप-इंडिया” ने मृतक के पिता राजेश के हवाले से लिखा है कि

कुछ मुस्लिम लड़के 28 मार्च 2020 को आए और रोहित को क्रिकेट खेलने के बहाने ले गए। फिर मस्जिद में बलि दी और बाद में किसी भारी चीज़ से बांधकर नदी में फेंक दिया। इस रिपोर्ट में मृतक का नाम रोहित जायसवाल और उम्र 15 वर्ष बताई गई है।


“ऑप-इंडिया” के इस आर्टिकल में लिखी बातें सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई हैं। कई अन्य वेबसाइट्स पर भी जब ऐसी रिपोर्ट्स आनी शुरू हुई तो गोपालगंज की ये घटना आग की तरह फैल गई।

बिहार: गोपालगंज के रोहित जायसवाल केस को सांप्रदायिक रंग देने के लिए 'ऑप-इंडिया' के खिलाफ FIR दर्ज
ऑप इंडिया के ख़बर की स्क्रीन-शॉट वायरल हो रही है। (तस्वीर: ट्विटर)

पुलिस ने सांप्रदायिक एंगल होने से किया इंकार

लल्लनटॉप ने इस मामले की पड़ताल की। जिसमें ये दावा ग़लत पाया गया। इस पड़ताल में बताया गया है कि बिहार के गोपालगंज जिले के बेलही डीह गांव में 15 साल के रोहित जायसवाल की मौत हुई है। लेकिन इस पूरी घटना में जांच-पड़ताल के बाद मस्ज़िद के अंदर बलि देने या फिर कोई सांप्रदायिक एंगल होने से बिहार पुलिस ने साफ इंकार किया है।

गोपालगंज के SP मनोज कुमार तिवारी ने बताया, “ये घटना 28 मार्च 2020 की है। 29 मार्च को लड़के का शव पकहां नदी में मिला था। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। लेकिन इसमें कोई हिंदू-मुस्लिम एंगल नहीं है। पुलिस की जांच में मस्ज़िद में बच्चे की बलि देने जैसे बात सामने नहीं आई है। खुद सारण रेंज के DIG समेत सभी आला अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर चुके हैं।

मृतक की मां ने बलि के दावे से किया इंकार

इसके अलावा एशियाविल हिंदी से बातचीत में मृतक रोहित की मां ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे बलि के दावे को मानने से इंकार किया है। रोहित की मां इंदु जायसवाल ने कहा, “ये हम नहीं बता सकते कि हमारे लड़के को बलि दिया गया है। बलि की बात हम नहीं कह सकते हैं, क्योंकि हम अपने आंख से नहीं देखे हैं। हम झूठ नहीं बोलेंगे। गांव में किसी से पूछ लीजिएगा कि लड़का लोग को बुलाकर के ले गए हैं और मारकर वहां फेंक दिए हैं।”

गौरतलब है कि सारण रेंज के DIG ने इस घटना की जांच के बाद प्रेसवार्ता भी की। DIG ने इसमें स्पष्ट कहा कि राजेश साह के पुत्र की मौत की CID जांच चल रही है। लेकिन इस घटना से जुड़ी खबर को “ऑप-इंडिया” और “खबर तक” में मस्जिद के निर्माण से जोड़ कर चलाई गई है। ये सारी बात गलत है। मैंने खुद सत्यापन किया है। इस तरह से सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा।” उन्होंने आगे कहा कि “ऑप-इंडिया” और “ख़बर तक” के खिलाफ कटेया थाने में FIR दर्ज की गई है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बिहार: गोपालगंज के रोहित जायसवाल केस को सांप्रदायिक रंग देने के लिए 'ऑप-इंडिया' के खिलाफ FIR दर्ज
“ऑप इंडिया” और “ख़बर तक” की रिपोर्ट पर पुलिस ने दर्ज किया मामला। (तस्वीर साभार: दी लल्लनटॉप)

वहीं बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस घटना को हत्या मानने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि अब तक के साक्ष्य यही बताते हैं कि रोहित की मौत डूबने से हुई है। डूबने की वजहों की पुलिस पड़ताल कर रही है। उन्होंने कहा, “मीडिया के लोगों ने ख़ुद ही बहुत गहराई से अनुसंधान कर लिया है। उन्होंने ही घटनास्थल का निरीक्षण कर लिया है। उसकी साइंटिफिक जांच भी कर ली है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का अध्ययन भी कर लिया है। सारे गवाहों के बयान भी ले लिए हैं और वो इस निष्कर्ष पर पहुंच गए हैं कि ये घटना हत्या है और धार्मिक स्थान पर किसी धार्मिक कारण से की गई है। मीडिया के पास आज इतने सबूत हो गए हैं कि वो अपने ढंग से अपना-अपना न्यूज भी चला रहे हैं।”


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