बिहार में कुछ महीनों पहले ही एनडीए (NDA) की एक बार फिर से सरकार बनी है। अब इस सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि, इस मामले को लेकर अभी अनिश्चतता का माहौल बना हुआ है।
फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार का मामला ठंडा पड़ता हुआ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार पर कहा कि, इसमें विलंब के पीछे बीजेपी (BJP) की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आना है। बीजेपी के प्रस्ताव देने के बाद इसपर फैसला किया जाएगा।
हैरानी की बात यह बताई जा रही है कि, उन्होंने केवल बीजेपी का नाम लिया जबकि, एनडीए में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) एवं विकासशील इनसान पार्टी (VIP) भी शामिल हैं।
मंगलवार को नीतीश कुमार ने कहा कि, मंत्रिमंडल विस्तार के लिए अभी तक बीजेपी का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है। जैसे ही प्रस्ताव आएगा, इसपर बातचीत कर फैसला कर लिया जाएगा। उन्होंने आज शाम होने वाली कैबिनेट की बैठक को लेकर कहा कि इसमें अगले पांच साल के लिए होने वाले काम को लेकर फैसला लिया जाएगा।
बता कि शुरुआत में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर यह चर्चा थी कि विधानसभा सत्र खत्म होने के एक-दो दिनों के भीतर इसका विस्तार किया जाएगा। लेकिन फिर मामला टलता चला गया। इसके बाद एक बार फिर यह चर्चा तेज हुई थी कि 15 दिसंबर के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा लेकिन ये भी न हो सका।
अब मुख्यमंत्री के बयान के बाद यह तय लग रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार कुछ महीनों के बाद ही होगा। इस मामले पर बीजेपी के प्रवक्ता संजय टाइगर ने स्पष्ट किया है, कि एनडीए के चार घटक दल हैं, जिनके नेतृत्व आपस में सहमति बनाकर कोई फैसला करेंगे। फिर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं, इसलिए वे बात कर फैसला करेंगे। एनडीए में कोई गतिरोध नहीं है और उचित समय पर बातचीत कर मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला कर लिया जाएगा।