नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जारी हैं। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर मचे बवाल के मद्देनज़र विपक्षी दल मोदी सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। इसके साथ ही नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर लोगों के मन में कई तरह के भय, भ्रम और सवाल पैदा हो गए हैं। लोगों के मन में व्याप्त संदेह को दूर करने के लिए भाजपा (BJP) ने शनिवार को एक वीडियो जारी किया है। बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से यह वीडियो डाला गया है।
इस वीडियो में दो लड़कियां सीएए और एनआरसी को लेकर सवाल-जवाब करती दिख रही हैं। एक लड़की इस कानून के विरोध में सवाल कर रही है तो दूसरी इन सवालों के जवाब दे रही है। साढ़े तीन मिनट के इस वीडियो की शुरुआत में लड़की नागरिकता कानून के बारे में बताते हुए कहती है कि यह पाकिस्तान-बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक आधार पर उत्पीड़न के शिकार हुए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया है। भारतीय मुसलमानों को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
वीडियो में आगे जब एनआरसी का जिक्र आता है तो जवाब दे रही लड़की कहती है कि एनआरसी को धर्म के आधार पर लागू नहीं किया जाएगा। लड़की बताती है कि इसमें सभी को अपने डॉक्यूमेंट्स दिखाने पड़ेंगे। जैसे कि – वोटर आईडी, आधार कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस जैसे डॉक्यूमेंट्स सभी को दिखाने पड़ेंगे। हर किसी के पास तो ये डॉक्यूमेंट्स होंगे ही। इसके बाद लड़की आगे कहती है कि अब तो हर गरीब के पास भी आधार, बैंक अकाउंट, गैस कनेक्शन आदि मौजूद हैं तो ऐसे में उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है।
Modi government’s Citizenship Amendment Act is not what she was told by those who mislead her, learns an anti-CAA protester. pic.twitter.com/A0HpMHtcaB
— BJP (@BJP4India) December 21, 2019
लेकिन, बीजेपी द्वारा जारी किये गए इस वीडियो में लड़की के दावे से इतर केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले दिनों एक टीवी इंटरव्यू में स्पष्ट कहा कि वोटर आईडी कार्ड और आधार आदि दस्तावेज नागरिकता साबित करने के लिए काफी नहीं हैं। आधार के बारे में तो उन्होंने जोर देकर कहा कि इन डॉक्यूमेंट्स से नागरिकता तय नहीं होती और आधार से जरा भी नहीं। आपको बता दें कि आधार एक्ट में भी साफ-साफ लिखा है कि आधार पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं।
If u don’t believe me, listen to the HM, it’s from few days back! pic.twitter.com/4vCVVUhxOR
— Dhiraj Sinha (@1SDhiraj) December 21, 2019
अब ऐसे में सवाल उठता है कि जनता किस पर भरोसा करे? गृह मंत्री अमित शाह की बात पर या बीजेपी द्वारा जारी वीडियो में किए जा रहे दावों पर। एक तरफ सरकार खुद कह रही है कि इस कानून को लेकर काफी भ्रम फैलाया जा रहा है। दूसरी तरफ बीजेपी ऐसे वीडियो डालकर लोगों के मन में मौजूद संदेह को और बढ़ाने का काम कर रही है।