#modi_rojgar_do के बाद अब ट्रेंड हो रहा #cgl19marks…जानिए क्या है वजह

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नई दिल्ली: Social Media अजब-गजब जगह है। सोमवार शाम को एक अजीब-ओ-गरीब Trend Twitter पर देखने को मिला। सोमवार की सुबह से ही Twitter पर एक Hashtag trend हो रहा है । और यह अभी भी ट्रेंड हो रहा है. हैशटैग #modi_rojgar_do के जरिए कई युवा रोजगार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रोजगार की मांग कर रहे हैं। इस हैशटैग पर बीते 2-3 दिनों में 20-25 लाख ट्वीट किए जा चुके हैं।

इसके अलावा मंगलवार को एक और हैशटैग #cgl19marks भी ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा, इस पर अभी तक 32 लाख से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं। इतना ही नहीं छात्रों ने असली तैयारी 25 फरवरी के लिए की है। 25 फरवरी को सुबह 11 बजे से इन हैशटैग्स पर एक साथ लाखों ट्वीट्स करने की तैयारी है और अलग-अलग सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर इसे ट्रेंड कराने की तैयारी है।


दरअसल, पूरा ममला स्टाफ सिलेक्शन कमिशन की कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल (CGL) परीक्षा को लेकर है। यूपीएससी के जरिए जहां केंद्रीय सेवाओं में ग्रुप ए अधिकारियों की भर्ती होती है, तो एसएससी (सीजीएल) के जरिए केंद्रीय सेवाओं के ग्रुप बी और ग्रुप सी पदों के लिए बड़े पैमाने पर भर्तियां होती हैं। एसएससी सीधे तौर पर केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अंतर्गत आता है।

पिछले साल नवंबर में CGL 2019 की परीक्षा में है विवाद की जड़

नवंबर 2020 में तीन पालियों में सीजीएल 2019 के टियर 2 और उसके 3-4 दिन बाद टियर 3 की परीक्षा कराई गई। यहां बता दें कि सीजीएल 2018 तक यह व्यवस्था थी कि टियर 2 के रिजल्ट आने के बाद जो छात्र क्वालिफाई होते थे उन्हें टियर 3 में बैठने का मौका मिलता था। मगर इस बार दोनों की परीक्षा साथ में 3-4 दिन के गैप पर कराई गई और यह नियम रखा गया कि जो कैंडिडेट टियर 2 क्वालिफाई करेंगे उन्हीं की टियर 3 की कॉपी चेक की जाएंगी।

क्या है पूरे विरोध की वजह?

ट्विटर पर विरोध की शुरुआत 19 फरवरी को टियर 2 के रिजल्ट के बाद शुरू हुई। हर साल से उलट इस बार टियर 2 के रिजल्ट के साथ मार्क्स नहीं जारी किए गए बल्कि एक कटऑफ जारी किया गया। विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि 18 नवंबर का पेपर आसान था और छात्रों ने काफी अच्छा स्कोर किया। हालांकि जब रिजल्ट आया तो ऐसे कई छात्रों का सिलेक्शन नहीं हुआ, जिन्होंने अच्छा स्कोर किया था।


एसएससी 2019 का टियर टू क्वालिफाई कर चुके छात्र मोहित ने एनबीटी ऑनलाइन से बताया, ’18 नवंबर को घोषित कट ऑफ से 80-100 मार्क्स तक काट दिए गए हैं, जबकि 15 और 16 नवंबर को जिन लोगों ने एग्जाम दिया, उनमें से कइयों के 30 से लेकर 80 मार्क्स तक बढ़ा दिए गए हैं।’ मोहित के टियर-1 में 200 में से 159 मार्क्स थे। टियर-2 400 मार्क्स का होता है। आंसर की के हिसाब से उनके टियर-2 में 293 मार्क्स होने चाहिए। टियर 1+2 के हिसाब से उनके मार्क्स 452 ही हैं, जबकि ओबीसी की कट ऑफ 478 है। मगर 19 फरवरी को आए रिजल्ट में उन्हें टियर 3 के लिए क्वालिफाई बताया गया है।

नॉर्मलाइजेशन में इतनी बड़ी विसंगति से हैरानी

सामान्य भाषा में इसे नॉर्मलाइजेशन बोलते हैं, मगर उस स्थिति में अंकों को घटाने-बढ़ाने में इतना अंतर नहीं देखने को मिलता। एसएससी ने अपने नॉर्मलाइजेशन के लिए क्या क्राइटेरिया निर्धारित किया इस पर उसकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में छात्रों को किसी गड़बड़ी की आशंका है। छात्रों की मांग है कि सरकार कम से कम टियर-2 के मार्क्स ही जारी कर दे जिससे नॉर्मलाइजेशन को लेकर जो भ्रम हैं वो काफी हद तक दूर हो सकें।

छात्रों के विरोध पर राजनीति शुरू

रविवार को #modi_rojgar_do ट्विटर पर टॉप ट्रेंड रहा। मौका देखकर विपक्षी दलों ने भी इस कैंपेन को लपका और सरकार को निशाने पर लिया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘सुनो जन के मन की बात… #modi_rojgar_do’

गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने लिखा, ‘मैं #modi_rojgar_do को ट्रेंड करता देख रहा हूं और मुझे अपना 13 जुलाई 2018 का वो लेक्चर याद आ रहा है जिसमें मैंने मोदीनॉमिक्स के फेल होने की बात कही थी।’

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