छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र चल रहा है। सदन में कांग्रेस विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह की महत्वाकांक्षी स्काई योजना पर सवाल उठाया। कांग्रेस विधायक ने इस योजना के तहत बांटे गए मोबाइल पर छत्तीसगढ़ सरकार से पूछा कि, ‘प्रदेश में जब नेटवर्क की सही व्यवस्था नहीं है तो फिर स्काई योजना के तहत मोबाइल बांटने का क्या फायदा है?’ सिहावा विधायक लक्ष्मी ध्रुव ने कहा कि कहीं जियो कंपनी को फायदा पहुंचाने का खेल तो नहीं चल रहा है? मोबाइल फटने की भी खबरें आ रही हैं।
विधायक के सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में 55.6 लाख मोबाइल बांटने की स्काई योजना की जांच कराने और 9 लाख बचे हुए मोबाइल को कंपनी को वापस करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि टेंडर जारी करने से लेकर मोबाइल बांटने तक की प्रक्रिया की जांच होगी।
बघेल ने कहा कि, ‘पंचायत की योजना के पैसे का भी बंदरबांट करने की कोशिश की गई है। योजना पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया और पूरी योजना में सरकारी धन की लूट मचाई गई है।’
‘एप डालकर किया गया पार्टी का प्रचार’
सीएम भूपेश बघेल ने बताया कि, ‘मोबाइल में एप डालने के लिए एक समिति बनाई गई और इसमें प्रधानमंत्री मोदी का निजी एप नमो और तत्कालीन सीएम का निजी एप ‘रमन’ भी इसमें डाला गया और इनके जरिए बीजेपी का प्रचार किया गया।’
जोगी ने भी उठाए सवाल
इसके अलावा पूर्व सीएम अजीत जोगी ने भी कहा कि, ‘योजना में कमीशनखोरी की गई है। योजना के तहत 1,286 करोड़ की लागत से कैटेगरी 1 और कैटेगरी 2 के 36 लाख 65 हजार 695 मोबाइल बांटने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 29 लाख, 14 हजार 800 मोबाइल बांट दिए गए हैं और 9 लाख मोबाइल बचे हुए हैं जिसे कंपनी को वापस किया जाए।’
बता दें कि 23 अगस्त 2017 को छत्तीसगढ़ की तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने संचार क्रांति योजना शुरू की थी। प्रदेश में मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने और जेंडर सशक्तिकरण के लिए इस योजना को शुरू किया गया था। 14 वें वित्त आयोग से 610 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई, लेकिन इसके विरोध के बाद 15 फरवरी 2018 को 14वें वित्त आयोग की राशि के उपयोग किए जाने के आदेश को निरस्त किया गया।
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