दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि मंत्रिमंडल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में एग्रीकल्चर कनेक्शन के तहत दिए गए बिजली के निर्धारित शुल्क (फिक्स्ड चार्ज) पर किसानों को 105 रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
अब किसानों को निर्धारित शुल्क पर 20 रुपये प्रति किलोवाट देना होगा जो अब तक 125 रुपये प्रति किलोवाट था।
गहलोत ने ट्वीट कर कहा, “माननीय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी का किसान भाइयों का बड़ा तोहफा। दिल्ली कैबिनेट ने आज प्रस्ताव को मंजूरी दी। सरकार हर एग्रीकल्चर कनेक्शन पर 105 प्रति किलोवाट की सब्सिडी देगी। अब किसान भाई को फिक्स्ड चार्ज केवल 20 प्रति किलोवाट पर ही देना होगा।”
दिल्ली में टैरिफ अनुसूची के अनुसार कृषि उपयोग के लिए निर्धारित बिजली शुल्क 125 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह था।
राष्ट्रीय राजधानी के किसान उच्च बिजली शुल्क के मुद्दे पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी से खुश नहीं थे।
एक किसान ने आईएएनएस से कहा, “अगर किसी किसान के पास ट्यूबवेल चलाने के लिए 10 किलोवाट का बिजली मीटर है तो उसे हर महीने न्यूनतम 1,250 रुपये का भुगतान करना होता है। चार्ज किलोवाट में वृद्धि के साथ बढ़ता है।”
किसानों को कभी-कभी प्रति माह 4,000 रुपये से अधिक का भुगतान करना पड़ता था जो उत्पादन की समग्र लागत को बढ़ा रहा था।
दिल्ली बजट 2019ः 4 सालों में दोगुना हुआ दिल्ली का बजट, 26 फीसदी फंड शिक्षा को