Eid Milad-Un-Nabi 2020: किस दिन मनाया जाएगा पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मदिन? जानें क्या है इस दिवस का महत्व

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Eid Milad-Un-Nabi 2020: किस दिन मनाया जाएगा पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मदिन? जानें क्या है इस दिवस का महत्व

पैगंबर मोहम्मद साहब (Islam’s prophet Mohammed) का जन्मदिन दुनिया भर के अधिकांश मुसलमान धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन को ईद मिलाद उन-नबी (Eid Milad-Un-Nabi) या ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) या मावलिद (Mawlid) के नाम से भी जाना जाता है। ‘मिलाद उन-नबी’ का मतलब होता है ‘हजरत मोहम्मद साहब’ का जन्मदिन है।

इस्लाम धर्म की मान्यताओं के अनुसार, पैंगबर मोहम्मद साहब (Prophet Muhammad) को खुद अल्लाह ने फरिश्ते जिब्रईल के जरिए कुरान का संदेश दिया था। पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन समारोह को लेकर मुस्लिम समुदाय के कई अलग-अलग वर्गों का मानना है कि जन्मदिन समारोह का इस्लामी संस्कृति में कोई स्थान नहीं है, जबकि भारत में उनके जन्मदिन को मनाने की परंपरा का व्यापक रूप से पालन किया जाता है।


पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन यानी ईद मिलाद उन-नबी को 12वीं रबी उल अव्वल (Rabi ul Awwal) पर मनाई जाती है। ये इस्लामी चंद्र कैलेंडर का तीसरा महीना होता है। भारत में रबी उल अव्वल का महीना 19 अक्टूबर से शुरू हुआ है। इसी कारण से ईद मिलाद उन-नबी या मावलिद 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन को मनाने के लिए ईद मिलाद उन नबी पर दावत का आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही उनकी याद इस दिन जुलूस भी निकाले जाते हैं। कई स्थानों और मस्जिदों में इस्लाम धर्म के आखिरी पैगंबर की शिक्षाओं को याद करने के लिए पूरे रबी उल अव्वल में स्मारक बैठकें भी आयोजित की जाती हैं।

हालांकि कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस साल ईद-ए-मिलाद समारोह में जुलूस या बड़े समारोहों के आयोजन की संभावना इस वर्ष कम है।


इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, 571 ई. में इस्लाम के तीसरे महीने यानी रबी उल अव्वल की 12वीं तारीख को पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इसी रबी उल अव्वल की 12वीं तारीख को ही उनका इंतकाल भी हुआ था।

मक्का में जन्में पैगंबर मोहम्मद साहब का पूरा नाम मोहम्मद इब्न अब्दुल्लाह इब्न अब्दुल मत्तलिब था। उनके पिता का नाम अब्दुल्लाह और माता का नाम बीबी अमिना था। ऐसा कहा जाता है कि उन्हें 610 ई. में मक्का के हीरा नामक गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसके पश्चात उन्होंने इस्लाम धर्म की पवित्र कुरान की शिक्षाओं का उपदेश दिया था।

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