गली बॉय मूवी रिव्यू: प्रेरक कहानी, रणवीर और आलिया की दमदार एक्टिंग

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मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होगी 'गली बॉय'

‘अपना टाइम आएगा’ निर्देशक जोया अख्तर की फिल्म ‘गली बॉय’ के इस मशहूर गाने में ही फिल्म की पूरी दास्तान है। ‘गली बॉय’ देखकर पहली बात जो जेहन में आती है वो यह कि फिल्म के नायक रणवीर सिंह का टाइम तो अच्छा चल रहा है। इस फिल्म में उनके अभिनय ने साबित कर दिया कि वे इस दौर के शानदार अदाकार हैं और हर तरह की किरदारों में अपना सिक्का जमाने में सक्षम हैं। फिल्म भले मुंबई के जाने-माने रैपर नेजी और डिवाइन से प्रेरित है, मगर रणवीर ने इसे अपने रंग में ढाल दिया। इस फिल्म से उन्होंने अपनी गायकी का जलवा भी दिखाया है।

‘गली बॉय’ की कहानी बहुत ही प्रेरणात्मक है और मनोरंजन का तड़का इसको अलग लेवल पर ले जाता है। इसमें यूथ को कनेक्ट करने वाला हर मसाला है। इसका झूमने को मजबूर कर देने वाला म्यूजिक फिल्म की जान है। फिल्म की कहानी ऐसे सभी लोगों के लिए है, जो समाज के दबे-कुचले तबके से आते हैं, जिन्हें सामाजिक बहिष्कार के साथ-साथ अपने अंतर्द्वंदों का सामना भी करना पड़ता है। मगर इसके बावजूद वे सपने देखने से बाज नहीं आते। उन्हें यकीन है कि अपना टाइम आएगा और वे उस अपने टाइम को लाने के लिए सब कुछ कर गुजरने की माद्दा रखते हैं। बॉलीवुड में फिल्मों में इस तरह की कहानियां कम ही देखने को मिलती हैं, लेकिन जोया अख्तर ने अपने सधे हुए निर्देशन, रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की बेहतरीन अपनी एक्टिंग और फिल्म में दिखने वाले जुनून दर्शकों का दिल जीत लेती है। वैलेंटाइन्स डे (Valentine’s Day) पर अपने लव को देने के लिए परफेक्ट गिफ्ट है ‘गली बॉय’।


‘गली बॉय’ की कहानी

‘गली बॉय’ की कहानी मुराद शेख (रणवीर सिंह) की है। मुराद का पिता दूसरी शादी कर लेता है और उसकी अम्मी के साथ मारपीट करता है। मुराद की गर्लफ्रेंड सफीना (आलिया भट्ट) है जो अपने बॉयफ्रेंड के लिए बहुत पजेसिव है और उसके लिए कुछ भी कर सकती है। मुराद कॉलेज में पढ़ता है लेकिन उसके पिता का एक्सिडेंट हो जाता है और उसे ड्राइवरी करनी पड़ती है। लेकिन हालात मुराद को तोड़कर रख देते हैं, और उसे रैप में उम्मीद की किरण दिखती है।फिर उसकी मुलाकात एमसी शेर (सिद्धांत चतुर्वेदी) से होती है और फिर रैप जिंदगी के तोड़ देने वाले सफर के बीच राहत की रसद लेकर आता है।

लेकिन मुराद का संघर्ष खत्म नहीं होता है। जोया अख्तर ने कमाल का डायरेक्शन किया है और कहानी कहीं भी बोर नहीं होने देती। हालांकि फिल्म की कहानी कुछ भी नयापन नहीं है, लेकिन अंत आते-आते फिल्म रोंगटे खड़े कर देती है और जोश से भर देती है। फिल्म बताती है कि हर किसी में प्रतिभा होता है, और जरूरत उसे पहचानकर उसके लिए सबकुछ झोंक देने की होती है। हालांकि फिल्म थोड़ी लंबी खिंच गयी है।

अभिनय की बात की जाए तो आलिया ने रणबीर को अच्छी टक्कर दी है। दोनों की जोड़ी एक-दूसरे की पूरक नजर आती है। सिद्धांत चतुर्वेदी फिल्म के सरप्राइज पैकेज हैं। एमसी शेर के रूप में सिद्धांत चतुर्वेदी ने जता दिया कि वे लंबी रेस का घोड़ा हैं। फिल्म में विजय वर्मा और विजय राज के रोल छोटे हैं, लेकिन इतने जानदार हैं जबकि कल्कि कोचलिन के हिस्से में कुछ खास नहीं आया।


कुल मिलाकर कहें तो आज के दौर की बेहतरीन फिल्म है ‘गली बॉय’, जिसे एक बार देखना तो बनता ही है।


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