आपने अक्सर देखा होगा कि बढ़ती उम्र के साथ ही हमें बीमारियों का खतरा भी सताने लगता है। बुढ़ापे में शरीर और इम्युनिटी पॉवर कमजोर हो जाने के कारण शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। बुजुर्ग ही घर के रीड़ की हड्डी होते हैं। लेकिन ये ऐसी उम्र है जब बुजुर्गों को देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है। बीमारियों के कारण उनका शरीर इतना कमजोर हो जाता है कि कई बार दर्द और तकलीफ लगभग रोज ही होती है। इम्युनिटी कमजोर होने की वजह से शरीर बीमारियों और बैक्टीरिया से लड़ने में अक्षम रहता है।
आइए जानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ किन बीमारियों का खतरा बना रहता है…
भारतीयों में हार्ट डिसीज की समस्या काफी ज्यादा होती है।बुढ़ापे में हार्ट डिसीज की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि इस सिलसिले में सेंटर्स ऑफ डिजिज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन का मानना है कि अमेरिका में दिल की बीमारियां सबसे ज्यादा होती हैं। 50 साल की उम्र से ज्यादा लोगों में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
बढ़ती उम्र में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा काफी बढ़ जाता है। अमेरिका कैंसर के मामले में नंबर 1 हैं। वहां इससे सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल के अनुसार, अमेरिका में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक से होती है। वहां पर दूसरे नंबर पर कैंसर जानलेवा बीमारी है।
स्ट्रोक मस्तिष्क संबंधी बीमारियों में सबसे आम है। अमेरिका में हार्ट अटैक और कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मरीजों की मौते इसी बीमारी से होती हैं। यह बीमारी भी सबसे ज्यादा बुजुर्गों को प्रभावित करती है।
बुढ़ापे में दिमाग से जुड़ी हुई कई बीमारियों की संभावना बनी रहती है। अमेरिका में दिल के रोग और कैंसर के बाद सबसे ज्यादा मरीजों की मौते इसी से होती हैं। इससे सबसे ज्यादा बुजुर्गों की मौत होती है।