Hindi Diwas 2020: जानें कब मनाया जाता है हिंदी दिवस, क्या है इसका इतिहास

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World Hindi Day 2021: जानें कब मनाया जाता है ' विश्व हिंदी दिवस', क्या है इसका इतिहास?

Hindi Diwas 2020:  आज हर तरफ अंग्रेजी (English) भाषा का ही चलन है। आम बोल चाल में भी हिन्दी (Hindi) से ज्यादा अंग्रेजी के शब्द सुनाई देते हैं। हिन्दी का महत्व तब बढ़ जाता है जब हमें बात के साथ साथ भावनाओं को भी व्यक्त करना हो।

भारत में वैसे तो कई भाषाएं बोली जाती हैं मगर हिन्दी उनमें से मुख्य भाषा है। हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) हर साल 14 सितंबर को मानाया जाता है।

मंदारिन, अंग्रेजी और स्पेनिश के बाद हिन्दी सबसे ज्यादा बोलने वाली भाषा है। भारत के राष्ट्रपति हर साल हिंदी भाषा में योगदान देने वाले लोगों की सराहना करते हुए राजभाषा पुरस्कार प्रदान करते हैं। हिन्दी दिवस इसलिए मनाया जाता है ताकि इसका प्रचार प्रसार हो सके। हिन्दी की लिपि देवनागरी है।


भारत की संविधान सभा द्वारा नवगठित राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी भाषा को 14 सितंबर 1949 को अपनाया गया था। यह 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान का एक अभिन्न हिस्सा बन गया। साल 1953 में हिंदी दिवस पहली बार मनाया गया था। बीहर राजेंद्र सिम्हा, हजारी प्रसाद द्विवेदी, काका कालेलकर, मैथिली शरण गुप्त और सेठ गोविंददास जैसे लोगों द्वारा हिन्दी को अधिकारिक भाषा बनाने की कोशिश की जा चुकी है।

आम दिनों में स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रमों और वर्कशॉप का आयोजन करके हिन्दी दिवस मनाया जाता है लेकिन इस कोरोना (Corona) महामारी में यह संभव नहीं हो सकेगा। भारत में 258 मिलियन लोगों ने 2001 की भारतीय जनगणना के अनुसार हिंदी को अपनी मूल भाषा माना था।

Hindi Diwas 2020

  1. 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  2. 14 सितंबर 1949 को गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था।
  3. इस दिन संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया की हिन्दी भारत की राजभाषा होगी।
  4. हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में भारत की कार्यकारी और राजभाषा का दर्जा आधिकारिक रूप में दिया गया।
  5. भारतीय संविधान की धारा 343 (1) में हिन्दी को संघ की राजभाषा और लिपि देवनागरी लिपि का दर्जा प्राप्त है।
  6. हिन्दी का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है।
  7. हिंदी हिंदुस्तान की राष्ट्रभाषा ही नहीं बल्कि हिंदुस्तानियों की पहचान भी है।
  8. हमें अपनी मातृभाषा हिंदी को कभी नहीं भूलना चाहिए।
  9. इस दिन कई सेमिनार, हिन्दी दिवस समारोह आदि कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।
  10. आज के दिन हम सभी लोगों को हिंदी गीत सुनने चाहिए और तुलसीदास, मुंशी प्रेमचंद, हरिवंश राय बच्चन द्वारा लिखी कहानियां और कविताएं भी पढ़नी चाहिए।


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