झारखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रधानमंत्री आपदा कोष (PM CARES) में 10,000 रुपये का भुगतान करने की शर्त पर एक शख्स को अग्रिम जमानत दे दी। याचिकाकर्ता नागेश्वर सिंह के ऊपर एक्साइज एक्ट की धारा 47 (ए), 47 (बी), 47 (सी) के तहत दर्ज की गई एक शिकायत के संबंध में गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा था।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त के वकील ने कोरोना वायरस महामारी (कोविड-19) से जुड़े प्रधानमंत्री कोष में यह भुगतान करने की पेशकश की। सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति दीपक रोशन की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। अदालत को यह भी बताया गया कि जब्त शराब याचिकाकर्ता के कब्जे से बरामद नहीं किया गया था और न ही उसे मौके पर गिरफ्तार किया गया है। इन परिस्थितियों में अदालत ने गिरफ्तारी से पहले की जमानत अर्जी स्वीकार करती है। साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता को COVID-19 महामारी के बीच प्रभावित व्यक्तियों के कल्याण के लिए उपयोग किए जा रहे प्रधानमंत्री कोष में 10,000 रुपये का योगदान करने का आदेश दिया।
जस्टिस रोशन ने फैसला सुनाते हुए कहा, “मेरी राय है कि याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत का विशेषाधिकार देने के लिए यह उपयुक्त मामला है। इसलिए, इस आदेश की तारीख से दो महीने के भीतर उसकी गिरफ्तारी / आत्मसमर्पण की स्थिति में, उसे रिहा कर दिया जाएगा।” साथ ही कोर्ट ने प्रधानमंत्री राहत निधि में 10,000 /- (दस हजार) के भुगतान और 25,000 रुपये के बेल बांड के प्रमाण दिखाने पर सशर्त जमानत देने के आदेश दिए।