Johnny Walker Birthday: कॉमिक एक्टर बनने से पहले बस कंडक्टर थे जॉनी वॉकर, जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

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जयंती विशेष: कॉमिक एक्टर बनने से पहले बस कंडक्टर थे जॉनी वॉकर, जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

Johnny Walker Birthday: जॉनी वॉकर हिंदी सिनेमा के एक ऐसे कलाकार थे, जिन्होंने अपनी अदाकारी से सभी को बहुत गुदगुदाया। 50 और 60 के दशक के बॉलीवुड सिनेमा के बेहतरीन कलाकर जॉनी वॉकर की जयंती है। अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग से जॉनी वॉकर ने सभी को खूब हंसाया। वह अपने समय के सबसे बड़े कॉमिक स्टार थे। चेहरे के हाव-भाव उनकी कॉमेडी को और मनोरंजक बना देते थे। जॉनी का गीत ‘चम्पी’ लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। आज भी दर्शकों को फिल्मों में उनकी कॉमेडी याद आती है।

जॉनी वॉकर का जन्म 11 नवंबर 1926 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनका असली नाम बदरुद्दीन जमालुद्दीन था। उन्होंने बचपन में कई कठिनाइयों का सामना किया। जॉनी वॉकर अपने पिता के साथ फैक्ट्री में हाथ बंटाते थे। बाद में फैक्ट्री बंद होने के बाद उनका परिवार मुंबई आ गया। मुंबई में जॉनी वॉकर ने बस कंडक्टर के तौर पर भी काम किया। फिल्म ‘आखिरी पैमाने’ के साथ फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले जॉनी आगे चल कर सिनेमा के बड़े स्टार के तौर पर जाने गए। आप भी जानिए हिंदी सिनेमा के कॉमिक एक्टर जॉनी वॉकर के बारे में कुछ खास बातें।


जॉनी वॉकर के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

1. मुंबई में कंडक्टर की नौकरी के दौरान जॉनी की मुलाकात डायरेक्टर के. आसिफ के सचिव रफीक से हुई। उन्हें कई गुजारिश करने के बाद फिल्म ‘आखिरी पैमाने’ में एक छोटा सा रोल मिला।

2. इसी दौरान उन पर बलराज साहनी की नजर पड़ी। बलराज साहनी ने उन्हें गुरु दत्त से मिलने की सलाह दी। जॉनी ने गुरु दत्त के सामने शराबी की ऐसी एक्टिंग की, जिससे दत्त साहब को भी लगा की जॉनी ने वाकई में शराब पी रखी है। दत्त साहब ने ही जॉनी वॉकर एक लोकप्रिय व्हिस्की ब्रांड के नाम पर यह नाम दिया था।

3. उनकी एक्टिंग देख दत्त साहब ने उन्हें फिल्म ‘बाजी’ (1951) में साइन कर लिया था।


4. फिल्मों में अक्सर शराबी की भूमिका में नजर आने वाले जॉनी असल जिंदगी में शराब को हाथ तक नहीं लगाते थे।

5. जॉनी वॉकर की खासियत उनका मासूम, लेकिन शरारती चेहरा था जिसके हाव भाव सबको अपनी ओर खींच ही लेते थे

6. जॉनी ने अपनी एक्टिंग का ऐसा जादू चलाया कि हर डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म में लेना चाहता था। उन्होंने अपने समय के सभी बड़े डायरेक्टर्स के साथ काम किया।

7. वह जल्द ही इंडस्ट्री का एक ऐसा नाम बन गए कि प्रोड्यूसर और डिस्ट्रीब्यूटर की डिमांड पर फिल्म में एक गाना जॉनी वॉकर पर जरूर शूट होता था।

8. जॉनी एक बेहतरीन एक्टर के साथ सिंगर भी थे।

9. जॉनी ने ‘जाने कहां मेरा जिगर गया जी’ (मिस्टर एंड मिसेज 55), ‘सिर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए’ (प्यासा) और ‘ऐ दिल है मुश्किल जीना यहां’ जैसे गानों को सदा के लिए अमर कर दिया। ये गानें आज भी उतने ही पसंद किए जाते हैं।

10. बेशक उन्हें एक कॉमिक एक्टर के तौर पर जाना जाता है, लेकिन वह अपनी एक्टिंग से लोगों को भावुक रखने की हिम्मत भी रखते थे। उन्होंने ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘आनंद’ में अपनी इमोशनल एक्टिंग से सभी का दिल जीता।

11. जॉनी ने अपने फिल्मी करियर में लगभग 300 फिल्मों में काम किया। बाजी, जाल, आंधियां, बाराती, टैक्सी ड्राइवर, मिस्टर एंड मिसेज 55, श्रीमती 420, सीआईडी, प्यासा, गेटवे ऑफ इण्डिया, मिस्टर एक्स, मधुमति, कागज के फूल, सुहाग सिन्दूर, घर बसा के देखो, मेरे महबूब एवं चाची 420 उनकी बेहतरीन फिल्मों में से हैं। उनकी आखिरी फिल्म ‘चाची 420’ वर्ष 1998 में थी। इससे पहले 14 वर्ष तक जॉनी सिनेमा से दूर रहे थे।

12. फिल्मी सफर के दौरान 1955 में फिल्म ‘आरपार’ के सेट पर जॉनी की मुलाकात नूरजहां से हुई। उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ जाकर नूरजहां से शादी की।

13. जॉनी ने अपनी कॉमेडी से सबको खूब गुदगुदाया लेकिन उन्हें अपना पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड कॉमेडी के लिए नहीं बल्कि सपोर्टिंग एक्‍टर के लिए मिला। जॉनी को 1959 में ‘मधुमति’ के लिए ‘बेस्‍ट सपोर्टिंग एक्‍टर’ का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया।

14. कॉमिक एक्टर के तौर पर उन्हें फिल्म ‘शिकार’ के लिए ‘बेस्‍ट कॉमिक एक्‍टर’ का फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया।

15. जॉनी वॉकर ने 29 जुलाई, 2003 को दुनिया को अलविदा कह दिया।


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