Birthday Special: क्रिकेट के ‘दादा’ सौरव गांगुली ने बनाए थे ये शानदार रिकार्ड्स, जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें

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Happy birthday Sourav Ganguly Dada changed Indian cricket forever

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) आज अपना 47वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने शानदार खेल और आक्रामक कप्तानी के लिए उन्हें विश्व भर में जाना जाता है। वह दादा, प्रिंस ऑफ कोलकाता, बंगाल टाइगर, गॉड ऑफ ऑफसाइड जैसे नामों से भी जाने जाते हैं।

सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 में कोलकाता में हुआ था। उन्होंने अपना पहला ODI मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1991 में खेला। वहीं, पहला टेस्ट मैच 20 जून 1996 को इंगलैंड के खिलाफ खेला। वह अक्टूबर 2000 में गांगुली कप्तान बने। अपने करियर के दौरान दादा ने 49 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृव किया और 21 मैचों में जीत दिलाई। दादा ने वनडे में 10,000 से अधिक रन बनाए। उन्हें आज भी भारत के सबसे उम्दा कप्तानों में गिना जाता है। दादा के इस जन्मदिन पर जानते हैं उनके रिकॉर्ड्स के बारे में और उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।


पढ़ें: ‘कैप्टन कूल’ धोनी के कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स जिन्हें तोड़ पाना नहीं आसान

सौरव गांगुली के रिकॉर्ड्स

1. दादा ने अपने क्रिकेट करियर में कई रिकार्ड्स बनाए अपने टेस्ट मैच करियर की शुरुआत उन्होंने सेंचुरी के साथ की और ऐसा करने वाले वह तीसरे खिलाड़ी बन गए।

2. गांगुली वनडे में सबसे तेज 9000 रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। वह उन पांच क्रिकेटरों में से हैं, जिन्होंने 10 हजार रन, 100 विकेट और 100 कैच पकड़े।


3. सौरव गांगुली ऐसे पहले कप्तान थे, जिन्होंने भारत को 20 से ज्यादा टेस्ट मैचों में जीत दिलाई। दादा की कप्तानी में भारत ने लगातार 21 टेस्ट जीते। दादा का यह रिकॉर्ड ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी ने तोड़ा, जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 27 टेस्ट मैच जीते।

4. दादा के नाम वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रनों की साझेदारी करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के साथ मिल कर 176 वनडे पारियों में 8227 रनों की साझेदारी की है।

5. विश्व कप में उनके बनाए 183 रन किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर है।

6. दादा के नाम एक अन्य रिकॉर्ड यह है कि भारत से बाहर सबसे ज्यादा सेंचुरी मारने वाले वह दूसरे सबसे बड़ी खिलाड़ी है। उन्होंने भारत से बाहर 18 बार सेंचुरी जड़ी। 29 सेंचुरी बना कर सचिन तेंदुलकर नंबर 1 पर हैं।

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7. सौरव गांगुली के नाम छक्के जड़ने का रिकॉर्ड भी शामिल है। 190 छक्कों के साथ वह छठे नंबर पर हैं। उनसे आगे सिर्फ शाहिद अफ्रीदी, सनथ जयसूर्या, क्रिस गेल, सचिन तेंदुलकर और ब्रेंडन मैकलम ही हैं।

8. दादा ऐसे दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा बार ‘मैन ऑफ द मैच’ अपने नाम किया गांगुली को 31 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। 62 बार ‘मैन ऑफ द मैच’ बन कर सचिन नंबर 1 पर हैं।

9. वनडे क्रिकेट में वह एकमात्र ऐसे क्रिकेटर हैं, जिन्होंने चार बार लगातार ‘मैन ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड जीता।

सौरव गांगुली के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

1. दादा बेशक भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हों, लेकिन उनकी पहली पसंद फुटबॉल है। उन्हें क्रिकेट के लिए प्रेरित उनके भाई ने ही किया।

2. सौरव गांगुली उर्फ दादा को बायें हाथ का बेस्ट भारतीय बल्लेबाज माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि वह पहले लेफ्टी नहीं थे। दरअसल, उनके भाई सारे काम बायें हाथ से करते थे। जब दादा अपने भाई के साथ क्रिकेट खेलते थे तो उन्हें दिक्कत होती थी, जिसके बाद उन्होंने बाएं हाथ से खेलना शुरू किया।

3. दादा को एक आक्रामक कप्तान के तौर पर जाना जाता है। एटीट्यूट प्रॉब्लम के चलते उन्हें ब्रिसबेन में नहीं लिया गया, लेकिन 1996 में टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें चुना गया। जिसका डेब्यू उन्होंने सेंचुरी के साथ किया। इस तरह वह लॉर्डस में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी बने।

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4. सौरव गांगुली ने 113 टेस्ट मैचों में 7,212 रन बनाए हैं, जबकी 311 वनडे मैचों में 11,363 रन बनाए। वनडे में उन्होंने 22 सेंचुरी लगाई।

5. दादा की उपलब्धियों को देखते हुए उनके नाम पर सड़क भी है। पश्चिम बंगाल के उत्‍तरी 24 परगना जिले में डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क दादा के नाम पर है।

6. सौरव गांगुली लव स्टोरी कुछ फिल्मी स्टोरी जैसी है। उनकी पत्नी डोना सौरव गांगुली के पड़ोस में रहती थीं। स्कूल के दिनों से ही गांगुली डोना को प्यार करते थे, वहीं डोना भी उन्हें पसंद करती थी। स्कूल से आने के बाद वो डोना को देखने के लिए साइकल पर एक चक्कर लगाते थे। दोनों की लव स्टोरी में दिक्कत थी उनकी फैमिली की दुश्मनी। दोनों ने परिवार को बिना बताए 12 अगस्त 1996 में शादी कर ली। इस समय तक गांगुली मशहूर हो चुके थे। उनके परिवार वाले उनकी शादी ब्राह्मण लड़की से करवाना चाहते थे। जब दोनों ने अपनी शादी की बात घरवालों को बताई तो दोनों के घरवालों ने इस शादी को नहीं माना, लेकिन बाद में मान गए।

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