लोकसभा चुनाव 2019 : राजस्थान में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती हैं ये चार सीटें, 15 साल से बीजेपी का कब्जा

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राजस्थान में अभी हाल ही में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस की सरकार बनी थी। अब बारी लोकसभा चुनावों की है। लेकिन इन चुनावों की राह इतनी आसान नहीं होने वाली क्योंकि  राज्य में 25 लोकसभा की सीटों में से 4 सीटें ऐसी हैं जिनपर 15 साल से बीजेपी का कब्जा रहा है। ऐसे में सभी 25 सीटें हासिल करने का कांग्रेस का दावा दूर की बात ही लगती है। बीते तीन लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो कांग्रेस ने 2004 में चार, 2009 में 20 और 2014 में शून्य सीट जीती जबकि बीजेपी के लिए यह आंकड़ा क्रमश: 21, चार और 25 का रहा। राज्य में लोकसभा चुनाव दो चरणों में 29 अप्रैल और छह मई को होना है।

आपको बता दें कि इन चार सीटों में बीकानेर, चुरू, झालावाड़ और जालोर है, इन चारों पर बीते तीन लोकसभा चुनाव बीजेपी ने जीते हैं। राज्य में लोकसभा चुनाव दो चरणों में 29 अप्रैल और छह मई को होना है।


वैसे राजस्थान के लोकसभा चुनाव में आमतौर पर उसी पार्टी को अधिक सीटें मिलती हैं जिसकी राज्य में सरकार होती है। बीते कुछ दशकों से जारी इस रुख का फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को हो सकता है लेकिन राज्य की कम से कम चार सीटें ऐसी हैं जहां 15 साल से यानी तीन लोकसभा चुनावों से बीजेपी का कब्जा है। कांग्रेस इन सीटों में सेंध नहीं लगा पायी है।

बीकानेर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल उम्मीदवार

बीजेपी ने बीकानेर सीट पर अपने वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को फिर से टिकट दिया है। दो बार के सांसद मेघवाल इस सीट पर ‘हैट्रिक’ लगाने उतरेंगे। उनके सामने कांग्रेस ने पूर्व आईपीएस मदन गोपाल मेघवाल को उतारा है जो रिश्ते में अर्जुनराम के मौसेरे भाई हैं। उल्लेखनीय है कि 2004 में बीजेपी ने इस सीट पर अभिनेता धर्मेंद्र को उतारा था और वह जीते। इसके बाद 2009 और 2014 में यहां से अर्जुनराम जीते।


चुरू संसदीय सीट पर कस्वां परिवार का दबदबा

जाट बहुल वाली चुरू सीट पर नजर डालें तो बीजेपी का ये गढ़ रही है। बीते 15 साल से कस्वां परिवार का यहां दबदबा रहा है। इस बार बीजेपी ने मौजूदा सांसद राहुल कस्वां को ही मैदान में उतारा है। कस्वां के पिता राम सिंह कस्वां भी इसी सीट से सांसद रहे। कांग्रेस ने इस सीट पर रफीक मंडेलिया को टिकट दिया है। मंडेलिया ने दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वह बीजेपी के राजेंद्र राठौड़ से 1800 मतों के अंतर से हार गए थे। इससे पहले की बात की जाए तो 2009 के लोकसभा चुनाव में मंडेलिया बीजेपी के रामसिंह कस्बा से हार गए थे।

झालावाड़ से वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह मैदान में
झालावाड़ सीट पर दुष्यंत सिंह लगातार तीन बार जीत चुके हैं। वह फिर चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। दुष्यंत पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र हैं। कांग्रेस ने इस बार इस सीट पर प्रमोद शर्मा को उतारा है। देखा जाए तो यह सीट राजे परिवार के पास ही रही है क्योंकि 1989 से 2004 तक खुद वसुंधरा राजे लगातार पांच बार इस सीट से जीतीं।

इसी तरह की एक सीट जालोर है। जालोर में भी लगातार तीन लोकसभा चुनाव से बीजेपी का ‘कब्जा रहा है। बीजेपी के मौजूदा सांसद देवी जी पटेल इस सीट पर तीसरी बार बीजेपी के प्रत्याशी हैं। पटेल ने 2009 और 2014 में यह सीट जीती थीं। इससे पहले 2004 में यहां से बीजेपी की बी सुशीला जीती थीं।

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