केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कई बैंकों के आपस में विलय का ऐलान किया है। केंद्र सरकार के इस बड़े ऐलान के साथ ही अब देश में सरकारी बैंकों की संख्या घटकर 12 रह जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने जो फ़ैसले लिए थे, उन पर अमल की शुरुआत हो गई है।
यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक का विलय
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala sitharaman) ने कहा कि यूनाइटेड बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और पंजाब नेशनल बैंक (PNB, OBC and United Bank) का विलय होगा। विलय से ये देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगा। इन बैंकों के विलय से बनने वाले बैंक के पास 17.95 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और उसकी 11,437 शाखाएं होंगी।
केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का विलय
दूसरी तरफ, केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक का भी आपस में विलय किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कैनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय होगा और इससे 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा।
यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय
इसी तरह यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का भी विलय किय़ा जाएगा। इस विलय से यह देश का 5वां बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा। इसका कुल कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये का होगा।
इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय
इंडिय़न बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी आपस में विलय होगा। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय से 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ यह सार्वजनिक क्षेत्र का 7वां बड़ा बैंक बन जाएगा।
इसके अलावे अन्य 8 बैंकों का स्वतंत्र अस्तित्व होगा
1- बैंक ऑफ इंडिया, 2- बैंक ऑफ बड़ौदा, 3- बैंक ऑफ महाराष्ट्र, 4- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, 5- इंडियन ओवरसीज बैंक, 6- पंजाब एंड सिंध बैंक, 7- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, 8- यूको बैंक।
मोदी सरकार ने कई बैंकों के आपस में विलय का किया ऐलान, देश में रह जाएंगे सिर्फ 12 सरकारी बैंक