अगर आप मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं तो प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) आपका काम आसान कर सकती है। पहले PMAY का लाभ सिर्फ गरीब वर्ग के लिए था जो कि अब होम लोन की रकम बढ़ाकर शहरी इलाकों के गरीब और मध्यम वर्ग को भी PMAY के फायदे दिए जा रहे है।
शुरु में PMAY में होम लोन की रकम 3 से 6 लाख रुपये तक थी, जिस पर PMAY के तहत ब्याज पर सब्सिडी दी जाती थी ।अब इसे बढ़ाकर अब 18 लाख रुपये तक कर दिया गया है।
कौन उठा सकता है लाभ?
योजना का लाभ 21 से 55 साल तक के लोग उठा सकते हैं। अगर परिवार के मुखिया या आवेदक की उम्र 50 साल से अधिक है तो उसके प्रमुख कानूनी वारिस को होम लोन में शामिल किया जायेगा।
लाभ लेने के लिए मिनिमम इनकम
निम्न आर्थिक वर्ग के लिए सालाना घरेलू आमदनी 3.00 लाख रुपये तय है। कम आय वर्ग के लिए सालाना आमदनी 3 लाख से 6 लाख के बीच होनी चाहिए। सालाना 12 और 18 लाख रुपये तक की आमदनी वाले लोग भी इसका का लाभ उठा सकते हैं।
आय का प्रमाण
- वेतन पाने वाले लोगों के लिए वेतन प्रमाण पत्र, फार्म 16, या इनकम टैक्स रिटर्न।
- अपना काम करने वाले लोगों के लिए 2.50 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी के लिए आय प्रमाण पत्र के रूप में हलफनामा प्रस्तुत किया जा सकता है। अगर सालाना आमदनी 2.50 लाख रुपये से अधिक है तो उसके लिए आमदनी का उचित सबूत प्रस्तुत करना जरूरी है।
कितनी मिलेगी सब्सिडी
- 6.5 फीसदी की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी सिर्फ छह लाख रुपये तक के लोन पर उपलब्ध है।
- 12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले लोग नौ लाख रुपये तक के लोन पर चार फीसदी ब्याज सब्सिडी का लाभ उठा पाएंगे।
- इसी तरह 18 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वाले लोग 12 लाख रुपये तक के लोन पर तीन फीसदी ब्याज सब्सिडी का लाभ उठा पाएंगे।
PMAY के तहत सरकारी सब्सिडी की रकम PMAY में ब्याज पर मिलने वाली सब्सिडी ब्याज की रकम का अंतर नहीं होगी। यह ब्याज सब्सिडी की रकम का नेट प्रजेंट वैल्यू होगी।
कितना होगा फायदा?
कर्ज लेने वाले ने नौ फीसदी सालाना के हिसाब से लोन लिया है। यह इसलिए घट जाता है क्योंकि ब्याज सब्सिडी की राशि कर्ज लेने वाले के एकाउंट में पहले ही डाल दी जाती है।
इसका असर घटी हुई मासिक क़िस्त और ब्याज के कम बोझ के रूप में सामने आता है।