बॉलीवुड की बेहद सफल और मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी की पहली बरसी 24 फरवरी को है। एक साल पहले दुबई के एक होटल में उनका निधन हो गया था। श्रीदेवी को देश की पहली महिला सुपर स्टार भी कहा जाता है। 13 अगस्त 1963 को सिवकासी, मद्रास (अभी तमिलनाडु) में जन्मीं श्रीदेवी का रुतबा ऐसा था कि वह जब पर्दे पर आती थीं तो उनके सामने बड़े-बड़े हीरो की चमक भी फीकी पड़ जाती थी।
चार साल की उम्र से फिल्मों में काम करने वाली श्रीदेवी बॉलीवुड में लीड एक्ट्रेस के तौर पर फिल्म सोलवां सावन में नजर आई थीं। 1979 में जब यह फिल्म आई तब श्रीदेवी 16 साल की थीं। श्रीदेवी ने आखिरी बार शाहरुख की पिछले साल आई फिल्म ‘जीरो’ में दिखाई दी थीं। उसमें उन्होंने कैमियो किया था।
उनकी पहली पुण्यतिथि पर उनके पति बोनी कपूर उनकी ब्लू साड़ी को नीलाम करने जा रहे हैं। नीलामी से मिलने वाली रकम को बोनी चैरिटी में दान करेंगे। श्रीदेवी आज भले ही भौतिक रूप से हमारे बीच मौजूद नहीं हैं, लेकिन अपने पीछे कुछ बेहतरीन फिल्में छोड़ गयी हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में जिसमें श्रीदेवी ने अपनी खूबसूरत अदाकारी से लोगों को अपना दीवाना बना दिया था।
सदमा
1983 में आई फिल्म सदमा में श्रीदेवी ने नेहालता मल्होत्रा का किरदार बेहद संजीदगी से निभाया। इस फिल्म से कमल हसन और श्रीदेवी की जोड़ी को खूब सराहा गया। एड-फिल्ममेकर लॉयड बैपटिस्टा अब इस फिल्म का रीमेक बनाने जा रहे हैं। बालू महेंद्र के निर्देशन में बनी ‘सदमा’ भी दरअसल तमिल फिल्म ‘मूंदरम पिरई’ का रीमेक थी।
हिम्मतवाला
श्रीदेवी अपनी फिल्म हिम्मतवाला से काफी मशहूर हुईं। बॉलीवुड में 80 के दशक की सबसे सफल फिल्मों में से एक रही ‘हिम्मतवाला’ ने श्रीदेवी को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था। 1983 में श्रीदेवी ने अपने इस किरदार को इतनी गहराई के साथ निभाया कि दर्शक उनके सौंदर्य और अदाओं के दीवाने हो गए और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को एक सितारा नायिका मिल गई। एक ऐसी नायिका जिसके सपने देख सकते थे। श्रीदेवी पर फिल्माए गए ‘नैनों में सपना’, ‘लड़की नहीं है’, ‘ताकी ओ ताकी’, ‘वाह वाह खेल’ गीत सुपरहिट रहे।
मिस्टर इंडिया
1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया ने कई नेशनल-इंटरनेशनल अवार्ड जीते। इस फिल्म में श्रीदेवी अनिल कपूर के अपोजिट थीं। रिपोर्टर के रोल में श्रीदेवी ने रोमांस भी किया और डांस भी। हवा हवाई गाना श्रीदेवी की बेहतरीन डांस परफॉर्मेंस की वजह से सुपरहिट हो गया। ‘काटे नहीं कटते ये दिन रात’ साड़ी में श्रीदेवी ने कहर बरपा दिया।
चांदनी
1989 में आई ‘चांदनी’ श्रीदेवी की उन रोमांटिक फिल्मों में से एक है जिन्हें आज भी बेस्ट रोमांटिक फिल्मों की श्रेणी में सबसे ऊपर रखा जाता है।14 सितंबर, 1989 को रिलीज हुई यश चोपड़ा की फिल्म ‘चांदनी’, श्रीदेवी के लिए उनके करियर का मील का पत्थर साबित हुई। श्रीदेवी की एक्टिंग ही नहीं उनकी खूबसूरती, डांस और फैशन सेंस को लेकर भी यह फिल्म लोगों के जहन में बसी हुई है।
चालबाज
1989 में आई चालबाज फिल्म ने श्रीदेवी की एक्टिंग को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। इस फिल्म में अंजू और मंजू के डबल रोल से श्रीदेवी दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो गईं। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त धमाल मचाया। हमेशा की तरह वे इस फिल्म में भी ग्लैमरस लगीं। साल 1989 श्री देवी के करियर का सबसे बेहतरीन साल साबित हुआ।
लम्हे
1991 में श्रीदेवी ‘लम्हे’ फिल्म में नजर आईं। लम्हे बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी, लेकिन यही माना गया कि फिल्म नहीं दर्शक असफल रहे थे। ये वक्त से आगे की फिल्म थी जिसके साथ उस दौर के दर्शक तालमेल नहीं बैठा पाए। पल्लवी और पूजा भटनागर के रूप में मां-बेटी की दोहरी भूमिका श्रीदेवी ने निभाई थी। फिल्म का विषय बेहद जटिल और बोल्ड था। श्रीदेवी का इस फिल्म में अभिनय आपको मंत्र-मुग्ध कर देता है। इसमें शानदार एक्टिंग के लिए उन्हें एक बार फिर फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके बाद श्रीदेवी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
लाडला
लाडला और सदमा फिल्म में अपनी बेहतरीन अदाकारी से श्रीदेवी ने ये साबित कर दिया था कि गंभीर किरदार को कैसे किया जाता है। 1994 में आई लाडल फिल्म में एक कॉरपोरेड लेडी जिसमें कूट-कूट कर घमंड भरा था, इस किरदार को श्रीदेवी ने शानदार तरीके से निभाया था। उन्होंने ‘खुदा गवाह’, ‘आर्मी’, ‘सरफरोश’, ‘लाडला’ और ‘गुमराह’ समेत करीब 300 फिल्मों में काम किया। लम्हें फिल्म में श्रीदेवी ने एक अलग तरह का किरदार निभाया और फिल्म को यादगार बना दिया। अनिल कपूर और श्रीदेवी की जोड़ी कई बार सिनेमा के पर्दे पर एक साथ दिखी है।
खुदा गवाह
1992 में आई खुदा गवाह फिल्म को साइन करने से पहले श्रीदेवी ने अमिताभ को लेकर बड़ा बयान दे डाला था। श्रीदेवी ने कहा था कि सुपस्टार अमिताभ के सामने एक्ट्रेस फीकी पड़ जाती हैं इस फिल्म वो तभी काम करेंगी जब उनके लायक हीरो के अपोजिट हीरोइन वाला काम होगा। उन्हें अमिताभ के सामने शो पीस नहीं बनना था। आखिर श्रीदेवी की जिद कामयाब रही फिल्म में श्रीदेवी अमिताभ से कम बिल्कुल भी नहीं दिखी थींं।
इंग्लिश विंग्लिश
2012 में आई इंग्लिश विंग्लिश उनकी कमबैक फिल्म थी। इस फिल्म में एक आज की हाउस वाइफ के किरदार को श्रीदेवी ने इतने बेहतरीन तरीके से निभाया कि लोग बस देखते ही रह गए। एक असहज महिला जो अंग्रेजी सीखने वाली स्टूडेंट है। इस रोल में श्रीदेवी का अभिनय बेहतरीन था। फिल्म के क्लाइमैक्स में श्रीदेवी उपस्थिति मेहमानों के सामने अंग्रेजी में अपनी बात रखती है। यह सीन साबित करता है कि वो कितनी उम्दा एक्ट्रेस हैं।
मॉम
2017 में आई मॉम श्रीदेवी की आखिर फिल्म थी, इस फिल्म में एक मां के भाव पक्ष को श्रीदेवी ने पर्दे पर उतारा था। एक मां अपनी बेटियों की रक्षा के लिए कैसे दुर्गा बन जाती है, इस रोल को दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी ने बखूबी निभाया था।
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