केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कई मौकों पर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं। नितिन गडकरी का एक बयान फिर चर्चा में है। इस बयान में गडकरी ने अपनी ही सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाए हैं। गडकरी ने रविवार को एक कार्यक्रम में लोगों से कहा कि योजनाओं के लिए पैसे की कमी नहीं है, लेकिन फैसले लेने में जो हिम्मत चाहिए, वो सरकार में नहीं है। केंद्रीय मंत्री का कहना था कि सरकार योजनाओं पर ‘निगेटिव एटीट्यूड’ की वजह से काम नहीं कर पा रही। इस दौरान उन्होंने आईएएस अधिकारियों की निर्णय लेने की क्षमता पर भी बेबाक टिप्पणी कर दी।
क्या है पूरा मामला
नितिन गडकरी नागपुर में विश्वेश्वरैया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। नितिन गडकरी ने कहा, “मैं पिछले पांच साल में 17 लाख करोड़ रुपये के काम करवा चुका हूं और इस साल मैं पांच लाख करोड़ तक पहुंचना चाहता हूं। अब आपको सच बताता हूं कि पैसे की कोई कमी नहीं है। जो कुछ कमी है वो सरकार में काम करने वाली जो मानसिकता है, जो नेगेटिव एट्टीट्यूड है, निर्णय करने में जो हिम्मत चाहिए, वो नहीं है। वही उसका सबसे बड़ा कारण भी है। परसों मैं एक हमारे हाईएस्ट फोरम में था तो वो कह रहे थे कि हम ये शुरू करेंगे, वो शुरु करेंगे, तो मैंने उनको कहा कि आप क्यों शुरू करेंगे। अगर आपके शुरू करने की ताकत होती तो आप IAS ऑफिसर बनकर यहां नौकरी क्यों करते। आप जाके कोई बड़ा उद्योग शुरू कर सकते हैं, आपका काम नहीं है ये करने का। जो कर सकता है आप उसको ज्यादा मदद करो, इस लफड़े में मत पड़ो।”
#WATCH Union Minister Nitin Gadkari in Nagpur, Maharashtra: Main aapko sach batata hoon, paise ki koi kami nahi hai. Jo kuchh kami hai vo sarkar mein kaam karne wali jo manskita hai, jo negative attitude hai, nirnaya karne mein jo himmat chahiye, vo nahi hai….(19.01.20) pic.twitter.com/NCWUefiR9j
— ANI (@ANI) January 19, 2020