मोटरसाइकिल, कार या कोई अन्य मोटर वाहन खरीदना चाहते हैं तो अब रजिस्ट्रेशन के वक्त मोबाइल नंबर देना जरूरी होगा। सरकार ने सेंट्रल मोटल व्हीकल्स रूल्स 1989 (Motor Vehicle Act) में संशोधन कर दिया है। मोबाइल नंबर नहीं देने पर अब न तो मोटर वाहनों का रजिस्ट्रेशन होगा और न ही इसे बेच पाएंगे। इसके लिए GSR No 178 E को बदला गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संबंधित नियमों में बदलाव कर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसे 16 मार्च को नोटिफाई किया गया था।
मोबाइल नंबर हर काम के लिए जरूरी
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, वाहनों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित किसी भी सेवा का लाभ के लिए वाहन मालिक को अपना मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा। इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में संशोधन किया गया है। इसके लिए नियमों के तहत फॉर्म नंबर 20, 23A, 24, 25, 26, 27, 28, 30, 31, 32, 33, 34, 35, 35, 36, 42, 44 में संशोधन किया गया है।
देश भर में लागू हुआ नियम
उन्होंने बताया कि अब मोटर वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराने, आरसी ट्रांसफर कराने, वीइकल रजिस्टर लेने, रिनुअल, ड्यूप्लिकेट कॉपी लेने, एनओसी लेने आदि में मोबाइल नंबर देना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके साथ ही इस संशोधन को देश भर में लागू कर दिया गया है।अधिकारी का कहना है कि मोबाइल नंबर हो तो वाहन के मालिकों का ढूंढना आसान हो जाता है।
बता दें कि पिछले साल लागू किए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। एक्ट में संशोधन से सड़क दुर्घटनाओं (road accident) में तेजी से कमी आई है। सरकार का दावा है कि जब से नया कानून लागू हुआ है, अब तक कम से कम 15,000 लोगों की जान बचाने में सरकार कामयाब हुई है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि नया मोटर कानून लागू हुए पांच महीने का समय बीत चुका है और इसके चलते 15 हजार लोगों की जान बचाई जा चुकी है।