इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना का इलाज खोजने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही है। लेकिन अभी तक किसी भी दवाई को इतनी असरकारक नहीं मिल पाई जो कि वायरस को खत्म कर सके। विश्वभर में कोरोना की दवा बनाने को लेकर लगातार तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बाबा रामदेव की स्वामित्व वाली पतंजलि का दावा है कि उन्होंने कोरोना को शिकस्त देने वाली दवाई बना ली है।
पतंजलि से आचार्य बालकृष्ण ने निम्स यूनिवर्सिटी के चांसलर और संस्थापक डॉ. प्रो. बलवीर सिंह तोमर को भी इसका श्रेय दिया। आचार्य बालकृष्ण ने निम्स के संस्थापक डॉ. तोमर का परिचय देते हुए कहा कि डॉ. प्रो. बलवीर सिंह तोमर मॉडर्न मेडिकल साइंस की प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित संस्था निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान के चांसलर, संस्थापक और सर्वेसर्वा हैं।
बालकृष्ण के मुताबिक डॉ. बलवीर सिंह तोमर ने किंग्स कॉलेज हास्पिटल स्कूल ऑफ मेडिसिन लंदन से पढ़ाई की। इसके बाद इंग्लैंड में काम किया। हावर्ड यूनिवर्सिटी में डॉ. तोमर ने कई शोध भी किए। डॉ. तोमर WHO के साथ कई प्रोजेक्ट में जुड़े रहे, उन्हें अपने कार्यों के लिए कॉमनवेल्थ मेडिकल की उपाधि से भी नवाजा गया।
बाबा रामदेव ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल की लॉन्च, 3 दिन में मरीज के ठीक होने का किया दावा
इससे पहले डॉ. तोमर ने राजस्थान स्थित संवाई मानसिंग मेडिकल कॉलेज से भी जुड़े रहे है। उन्हें अपने कार्य के लिए राजीव गांधी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। उनका चिकित्सा क्षेत्र में 36 वषों का अनुभव है, वो इससे पहले सवाई मानसिंग मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन के प्रमुख और प्रोफेसर रह चुके हैं।
पतंजलि कंपनी ने दवा के बारे में बताते हुए कहा कि आज हमें गर्व है कि कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई को हमने तैयार कर ली है। इस आयुर्वेदिक दवाई का नाम कोरोनिल है। रामदेव के दावे के अनुसार इस दवा से सात दिन में सौ फीसदी लोग ठीक हो गए, हमने पूरी रिसर्च के साथ इसे तैयार किया है।