Navratri 2020: अष्टमी, नवमी ये है शुभ मुहूर्त, जानें इस दिन कैसे करें कन्या पूजन

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Ashtami, Navami this is auspicious time know how to worship a girl on this day

Navratri 2020: नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग दिव्य स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार 23 अक्टूबर को आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। सप्तमी के शुभ दिन ही मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।

मां कालरात्रि की पूजा से अज्ञात भय, शत्रु भय और मानसिक तनाव नष्ट होता है। इस बार दुर्गा अष्टमी (Maha Ashtami), महानवमी (Maha Navami) और दशहरा (Dussehra) की तिथियों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि इस बार नवरात्र पूरे नौ दिन समाप्त हो जा रहा है।


हिंदी पंचांग की तिथियां अंग्रेजी कैलेंडर की तारीखों की तरह 24 घंटे की तरह नहीं होती हैं। ऐसे में यह तिथि 24 घंटे से कम या ज्यादा हो सकती हैं। नवरात्रि की महाष्टमी, महानवमी और दशहरा की तारीखों को लेकर न हो परेशान, जानिए यहां अष्टमी, नवमी की तिथि और शुभ समय…

अष्टमी-नवमी तिथि

नवरात्रि के इस पावन मौके पर नौ दिन तक व्रत किया जाता है। अष्टमी तिथि को हवन होता है और नवमी वाले दिन कंजक पूजन के साथ नवरात्रि का समापन हो जाता है, जिसके बाद नवरात्रि के व्रत का पारण किया जाता है।

कन्या पूजन विधि

इस दिन व्रतियों को कन्या रूपी देवी को भोजन कराने की मान्यता है। इसके बाद उसे उपहार देना चाहिए. कंजक पूजन के बाद देवी भगवती का अपने परिवार के साथ ध्यान करें। ‘या देवी सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता। नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमस्‍तस्‍यै नमो नम:’ मंत्र का ग्‍यारह बार जाप करें।


कब है नवमी तिथि

इस साल महानवमी तिथि की शुरुआत 24 अक्टूबर दिन शनिवार की सुबह 06 बजकर 58 मिनट से हो रही है, जो कि अगले दिन 25 अक्टूबर दिन रविवार की सुबह 07 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। नवरात्रि व्रत पारण 25 अक्टूबर को किया जाएगा। नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

कन्या पूजन की विधि

नवरात्रि में कन्या पूजा का विशेष महत्व है। कन्या पूजन के लिए सबसे पहले कन्याओं का पैर धुलें, फिर उन्हें साफ आसन पर बैठाए।उनके हाथों में मौली बांधे और माथे पर रोली का टीका लगाएं। दुर्गा मां को उबले हुए चने, हलवा, पूरी, खीर, पूआ व फल का भोग लगाए।यही प्रसाद कन्याओं को भी भोजन स्वरूप खिलाया जाता है।

क्या है सही तिथि

पंचांग के अनुसार 22 अक्टूबर दिन गुरुवार की दोपहर 1 बजकर 17 मिनट के बाद सप्तमी की शुरुआत हो गई है। सप्तमी तिथि 23 अक्टूबर शुक्रवार को दिन 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी और 24 अक्टूबर शनिवार को दिन में 11 बजकर 27 मिनट तक रहेगी।

इसके बाद नवमी तिथि की शुरूआत हो रही है जो 25 अक्टूबर रविवार को दिन में 11 बजकर 14 तक रहेगी, इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो रही है, जो दूसरे दिन 26 अक्टूबर सोमवार को दिन में 11 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। इसलिए 25 अक्टूबर को ही विजयदशमी पर्व का उत्सव मनाया जाएगा।

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