जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिज्ञ प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लागू करने से रोकने के लिए दो तरीके बताए हैं। रविवार को ट्विटर पर प्रशांत किशोर ने सीएए और एनआरसी को रोकने के लिए हर मंच पर अपनी आवाज शांतिपूर्वक उठाकर विरोध जारी रखने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने सभी 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों में एनआरसी लागू न करने की मांग की है।
Two effective ways to stop the implementation of #CAA_NRC are;
(1) Keep protesting peacefully by raising your voice on all platforms, &
(2) Ensure most if not ALL of the 16 Non BJP CMs say NO to NRC in their states.
Everything else important as they may is largely tokenism.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 22, 2019
गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी किसी कीमत पर एनआरसी लागू नहीं करने की बात कह चुके हैं। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा था कि उनके रहते अल्पसंख्यकों की उपेक्षा नहीं होने दी जाएगी। पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों की ओर से एनआरसी के संदर्भ में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, “यहां क्यों लागू होगा एनआरसी। एकदम लागू नहीं होगा।”
नीतीश कुमार बोले- बिहार में हम नहीं लागू करेंगे NRC
इससे पहले शनिवार को प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा था कि सीएए और एनआरसी पर पार्टी को खुलकर प्रदर्शन करना चाहिए। प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ट्वीट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस का नेतृत्वसीएए के खिलाफ सड़कों पर नहीं है। इसके अलावा पार्टी के शीर्ष नेता भी सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से नदारद दिख रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस कम से कम इतना तो कर सकती है कि जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है वहां के मुख्यमंत्री उन मुख्यमंत्रियों के साथ आएं जिन्होंने कहा है कि वे अपने राज्यों में एनआरसी लागू नहीं करेंगे।