कोरोना लॉकडाउन: निजामुद्दीन मरकज ने दी सफाई, कहा- नहीं किया नियमों का उल्लंघन

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कोरोना लॉकडाउन: निजामुद्दीन मरकज ने दी सफाई, कहा- नहीं किया नियमों का उल्लंघन

देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सोमवार को दिल्ली से सामने आए केस ने हड़कंप मचा दिया है। राजधानी में निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के मरकज में सैकड़ों लोगों के जमा होने और उनमें से कई के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। दिल्ली सरकार ने जमात के आयोजकों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इसी बीच मस्जिद प्रशासन ने मंगलवार को एक विस्तृत स्पष्टीकरण जारी कर बताया किया कि उन्होंने सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं किया।

इसमें कहा गया है कि आयोजकों ने सरकार के आदेशों के अनुपालन करने की हरसंभव कोशिश की। लेकिन, सरकार द्वारा 31 मार्च तक देश भर में सभी यात्री ट्रेन सेवा को निलंबित करने की वजह से आगंतुकों का एक बड़ा समूह मरकज में फंस गया। तब्लीगी जमात के निजामुद्दीन मरकज स्थित दिल्ली मुख्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘जनता कर्फ्यू’ के आह्वान के बाद इस कार्यक्रम को बंद कर दिया गया था। हालांकि, भारतीय रेलवे ने अपने परिचालन को निलंबित कर दिया था, जिसके चलते उसे फंसे हुए मेहमानों को वहीं रखना पड़ा।


1500 लोगों को निकाला जा चुका था बाहर

प्रेस रिलीज में आगे लिखा है, “जनता कर्फ्यू के रात 9 बजे ख़त्म होने से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 23 मार्च सुबह 6 बजे से लेकर 31 मार्च तक दिल्ली को लॉकडाउन करने की घोषणा का दी। इस वजह से आगंतुकों को घर लौटने के लिए परिवहन मिलने की संभावना कम हो गई। इस चुनौतीपूर्ण स्थिति के बावजूद, मरकज़ प्रशासन की मदद से, लगभग पंद्रह सौ आगंतुकों निज़ामुद्दीन से किसी तरह निकल पाए।” आपको बता दें कि 23 मार्च को ही इस लॉकडाउन को तीन सप्ताह के लिए बढ़ा दिया गया था।

मरकज़ ने आगे बताया है, “24 मार्च को अचानक हजरत निजामुद्दीन थाने के SHO द्वारा एक नोटिस जारी किया गया। इसमें मरकज परिसर को बंद करने की बात कही गई थी। 24 मार्च को ही पुलिस की इस नोटिस का जवाब दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि मरकज़ को बंद करने के निर्देशों का अनुपालन पहले से ही चल रहा है। पुलिस को बताया गया कि पिछले दिन लगभग 1500 लोग यहाँ से जा चुके हैं। विभिन्न राज्यों और देशों के लगभग 1000 आगंतुक बचे हुए हैं।”

गौरतलब है कि मरकज की ओर से दावा किया गया है कि 25 मार्च को पुलिस-प्रशासन को चिट्ठी लिखी गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस दावे को सच मानें तो 23 मार्च को जब 21 दिनों का लॉकडाउन शुरू हुआ तो प्रशासन को इस बात की जानकारी थी कि इस मरकज में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद हो सकते हैं, इसके बावजूद इन्हें निकालने का प्रबंध ना हो पाना कई तरह के सवाल खड़े करता है।


निकाले गए लोगों में से 441 में कोरोना के लक्षण

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि ”निजामुद्दीन मरकज में से जिन लोगों को निकाला गया है उनमें से बहुत सारे मामले पॉजिटिव सामने आ सकते हैं। अभी तक यहां 24 केस पॉजिटिव मिले हैं। वहां से 1548 लोगों को निकाला गया, जिनमें से 441 लोगों में कोरोना के लक्षण थे। उनको अस्पताल में पहुंचाया गया है। कुल 1107 को क्वारन्टीन में भेज दिया गया है।”


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