Mahashivratri 2021 Vrat Niyam: महा शिवरात्रि पर किस तरह करें व्रत, जानें क्या खाएं और किन चीजों से करें परहेज

  • Follow Newsd Hindi On  

Mahashivratri 2021 Vrat Niyam: महा शिवरात्रि (Mahashivratri ) 11 मार्च 2021 को मनाई जाएगी। यह भगवान शिव और देवी शक्ति के मिलन का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है। आमतौर पर शिव भक्त त्रयोदशी के दिन उपवास करते हैं और फिर चतुर्दशी तिथि (Chaturdashi date) को पारण करते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती (Goddess Parvati) का विवाह संपन्न हुआ था। इसलिए हिंदू धर्म(Hindu Religion) में रात्रि कालीन विवाह मुहूर्त को बेहद उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जो भक्त व्रत करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं महा शिवरात्रि की व्रत विधि।


शिवरात्रि के दिन क्या ना खाएं

– व्रत में मांसाहार और भारी भोजन खाने से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।
-शिवरात्रि के व्रत के भोजन में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
-जिन लोगों को गैस या एसिडिटी की समस्या होती हो वो व्रत के दिन चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें।
-व्रत में साधारण नमक का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, इसकी जगह पर सेंधा नमक डालें।
-व्रत में शराब पीने से बचें।

शिवरत्रि के व्रत में क्या खाएं

– आप अनार या संतरे का जूस पी सकते हैं। ऐसा करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होगी।
– ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना नै करना पड़े।
– व्रत के दिन आप मखाने और मूंगफली को हल्के घी में फ्राई कर इसमें सेंधा नमक मिलकर खा सकते हैं।
– इस दिन आप गाजर या लौकी की खीर बनाकर खा सकते हैं।

महा शिवरात्रि की व्रत विधि-

महा शिवरात्रि व्रत त्रयोदशी तिथि से ही शुरू हो जाता है। इस दिन कई लोग पूरे दिन का व्रत करखते हैं। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, चतुर्दशी पर रात्रि के दौरान चार बार महा शिवरात्रि की पूजा की जाती है। इन चार समयों को चार पहर के रूप में भी जाना जाता है। मान्यतानुसार, इन चारों पहरों में से पूजा करने पर व्यक्ति को अपने पिछले पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही उन्हें मोक्ष का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। शिव पूजा केवल रात्रि के दौरान ही करना अनिवार्य है और अगले दिन चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले सूर्योदय के बाद पारायण करना जरुरी है।


पूजा के दौरान व्यक्ति को 108 बार ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। महा शिवरात्रि को उस दिन के रूप में जाना जाता है जब शिव, शक्ति के साथ एक हुए थे। उत्तर भारत के कई भक्त स्थानों पर शिव-पार्वती विवाह की झांकी या बारात भी निकालते हैं। माना जाता है कि देवी पार्वती देवी सती का अवतार थीं।

(आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो और यूट्यूब पर सब्सक्राइब भी कर सकते हैं.)