एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर मर्डर केस में पत्नी अपूर्वा गिरफ्तार, जल्द हो सकते हैं नए खुलासे

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उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व सीएम एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर की हत्या मामले में उनकी पत्नी अपूर्वा शुक्ला को क्राइम ब्रांच टीम ने अरेस्ट कर लिया है। खबरों के अनुसार अपूर्वा के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद पुलिस ने गिरफ्तारी की है। बताया जा रहा है कि हत्या वाली रात रोहित और अपूर्वा में झगड़ा हुआ था। सबूत मिटाने के लिए अपूर्वा ने मोबाइल फॉर्मेट भी किया था। बता दें कि 16 अप्रैल को रोहित अपने बंगले के कमरे में मृत पाए गए थे। पुलिस ने हत्या की पुष्टि के बाद कई घंटे तक उनकी पत्नी से पूछताछ की थी।

अपूर्वा सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता हैं और काफी समय तक पुलिस को अपनी बातों से फंसाती रहीं। वह बार-बार पुलिस को दिया अपना बयान बदलती रहीं जिसके कारण वह पुलिस के शक के दायरे में आ गईं।


अपूर्वा की गिरफ्तारी के बाद इस केस में कई नए खुलासे होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया था और उसी के तहत पुलिस ने अपूर्वा को गिरफ्तार किया है। यानी अपूर्वा को कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है और ये बाद में ही पता चल सकेगा कि पुलिस इस मामले में धारा बदलती है या नहीं।

मालूम हो कि रोहित की मां उज्जवला पहले ही दिन से कह रही थीं कि उनके बेटा तनाव में था। उसे मानसिक यातनाएं दी जाती थीं। इसके बाद भी उन्होंने कहा कि शादी के पहले दिन से ही दोनों के बीच तनाव था। उनमें अक्सर झगड़े होते थे।

हत्या की शुरुआती जांच में  लापरवाही

दक्षिण जिला पुलिस ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में शुरुआती जांच में जिस तरह लापरवाही बरती थी उस तरह की रोहित हत्या मामले में सामने आ रही है।  पुलिस को 17 अप्रैल की शाम इस तरह के संकेत मिल गए थे कि रोहित की हत्या की गई है। इसके बावजूद दक्षिण जिला पुलिस सर्तक नहीं हुई। पुलिस ने न तो पत्नी अपूर्वा का मोबाइल जब्त किया और न ही समय से सीसीटीवी फुटेज को खंगाला था।


पुलिस स्वाभाविक मौत की कार्रवाई की तैयारी कर पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार करती रही। इस दौरान आरोपी या आरोपियों को सबूत से छेड़छाड़ का काफी समय मिल गया था। डिफेंस कॉलोनी थाना पुलिस ने सीबीआई की फोरेंसिक टीम को नहीं बुलाया था, बल्कि दिल्ली सरकार की एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया था। सीबीआई की फोरेंसिक टीम को एक्सपर्ट माना जाता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जब रोहित की हत्या का खुलासा हुआ तो सीबीआई की फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया था। पुलिस ने शुरुआत में रोहित के परिजनों के मोबाइल व अन्य सबूत एकत्रित नहीं किए थे।

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