अब नेपाल ने बांध मरम्मत के काम में भी डाला अड़ंगा, बिहार में भयंकर बाढ़ का खतरा

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अब नेपाल ने बांध मरम्मत के काम में भी डाला अड़ंगा, बिहार में भयंकर बाढ़ का खतरा

भारत के साथ जारी सीमा विवाद के बीच नेपाल सरकार ने बिहार को भी तंग करना शुरू कर दिया है। खबर है कि नेपाल सरकार ने बिहार के पूर्वी चम्पारण के ढाका अनुमंडल में लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुर्निर्माण कार्य को रोक दिया है। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने सोमवार को बताया कि नेपाल गंडक बांध के लिए मरम्मत कार्य की अनुमति नहीं दे रहा है। जबकि ललबकेया नदी ‘नो मैंस लैंड’ का हिस्सा है। इसके अलावा नेपाल ने कई दूसरी जगहों पर भी मरम्मत का काम रोक दिया है। उन्होंने कहा कि पहली बार बिहार के लोग ऐसी समस्या का सामना कर रहे हैं। हम मरम्मत कार्य के लिए सामग्री तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

जदयू नेता संजय झा ने आगे कहा कि अगर हमारे इंजीनियरों के पास बाढ़ को रोकने वाली सामग्री नहीं पहुंचेगी तो बांध की मरम्मत का काम प्रभावित होगा। अगर नेपाल में भारी वर्षा के कारण गंडक नदी का जल स्तर बढ़ता है तो यह एक गंभीर समस्या पैदा कर देगा।


बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि गंडक बैराज में 36 गेट हैं, जिनमें से 18 नेपाल में पड़ते हैं। भारत के हिस्से में पहले से 17वें फाटक तक के बांध की हर साल की तरह इस साल भी मरम्मत की जा चुकी है। वहीं नेपाल के हिस्से में पड़ने वाले 18वें से लेकर 36वें फाटक तक बने बांध की मरम्मत नहीं हो सकी है। नेपाल बांध मरम्मत के लिए सामग्री ले जाने नहीं दे रहा है। नेपाल ने उस क्षेत्र में अवरोध डाल दिए हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।

2017 में नेपाल के चलते बिहार में आई थी भीषण बाढ़

बता दें कि बांध के निर्माण स्थल को नेपाल अपनी जमीन बताकर जबरदस्ती विवाद पैदा कर रहा है। ललबकेया नदी का पश्चिमी तटबंध 2017 में आयी भीषण बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसकी मरम्मति का कार्य भी चलता रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इससे पहले जब भी नेपाल बांध की मरम्मती के काम में अड़ंगा लगाता था तब भारतीय और नेपाली अधिकारी आपस में मिल-बैठकर मामले को सुलझा लेते थे। लेकिन इस बार मामला सुलझाने के बजाय नेपाली सशस्त्र सीमा प्रहरी ही मामले को और उलझाने में लगे हैं।

नेपालियों ने SSB से की बदसलूकी

इस दौरान नेपाल के बंजरहा गांव के ग्रामीणों ने भारत के सीमा सुरक्षा बल के साथ भी बदसलूकी की है। भारत नेपाल की सीमा को दर्शाने वाले पिलर नंबर 345/5 और 345/7 के बीच पांच सौ मीटर की जमीन पर विवाद है। इस मामले में जिला प्रशासन ने नेपाल में भारतीय महावाणिज्य दूतावास सहित केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार को पत्र भेजकर स्थिति बताई है।


तटबंध निर्माण का कार्य करा रहे सिंचाई विभाग के अभियन्ता ने कहा है कि नेपाल सरकार ने करीब पांच सौ मीटर बांध की जमीन पर आपत्ति जाहिर की है और वहीं काम को रोका गया है। इस बांध के निर्माण से पूर्वी चम्पारण जिला के ढाका और पताही में बाढ़ की विभीषिका को रोका जा सकेगा। वहीं तटबंध के निर्माण पर लगी रोक से बलुआ गुआवारी पंचायत के ग्रामीण बाढ़ की आशंका को लेकर डरे हुए हैं। नेपाल के तटबंध के निर्माण को रोकने से ग्रामीणों में नाराजगी है।


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