Budget 2019 : पेट्रोल-डीज़ल होगा महंगा, जानें क्या है बजट का आपकी जेब पर असर

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तेल आयात और खपत में कमी, देश में आर्थिक मंदी के संकेत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। इस बजट में कई ऐलान हुए, जिनका असर आने वाले दिनों में साफ तौर पर देखने को मिलेगा। लेकिन एक बात तो अभी से साफ हो गई है कि जल्द ही पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने वाले हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईंधन पर एक रुपये अतिरिक्त सेस लगाने का फैसला किया है। वहीं,  वित्त मंत्री ने पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में जहां 1 रुपये की बढ़ोतरी की है।

गौरतलब है कि रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस के नाम पर 1 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है यानी पेट्रोल डीजल 2 प्रति लीटर महंगा हुआ। आपको बता दें कि इससे आम आदमी पर सीधा असर होगा। टैक्स बढ़ने से अब पेट्रोल-डीज़ल महंगा हो जाएगा। देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनी (HPCL, BPCL, IOC) रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतों की समीक्षा करती है। नई दरें सुबह 6 बजे से लागू होती है। आपको बता दें कि कीमतों को तय करने के लिए 15 दिन की औसत कीमत को आधार बनाया जाता है। इसके अलावा रुपये और डॉलर के विनिमय दर से भी तेल की कीमत प्रभावित होती है।


आपको बता दें कि निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया है कि पेट्रोल डीजल पर स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी में 1 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। वहीं रोड और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेस के नाम पर 1 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है यानी पेट्रोल डीजल 2 प्रति लीटर महंगा हो गया है।

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पेट्रोल-डीज़ल के दाम ऐसे होते हैं  तय

जिस कीमत पर आप पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदते हैं उसका करीब 48 फीसदी बेस प्राइस यानी आधार मूल्य होता है।


इसके बाद बेस मूल्य पर करीब 35 फीसदी एक्साइज ड्यूटी, 15 फीसदी सेल्स टैक्स और दो फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाई जाती है।

ईंधन का बेस प्राइस

तेल के बेस प्राइस में कच्चे तेल की कीमत, प्रोसेसिंग चार्ज और कच्चे तेल को रीफाइन करने वाली रिफाइनरियों का चार्ज शामिल होता है।

पेट्रोल के भाव

अब तक ईंधन को GST में शामिल नहीं किया गया है। इस वजह से इस पर एक्साइज ड्यूटी भी लगती है और वैट भी। केंद्र सरकार पेट्रोल की बिक्री पर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है, जबकि राज्य सरकारें वैट वसूलती हैं।

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