मानसून की दस्तक के साथ ही अब मनोरम सावन का आगाज़ भी होने जा रहा है। इस साल सावन 17 जुलाई यानी कल से प्रारंभ होने वाला है। अब बात सावन की हो और शिवरात्रि का जिक्र ना हो ऐसा कैसे हो सकता है। तो बस अब तैयार हो जाइए। आपको बता दें कि इस सावन शिवरात्रि 30 जुलाई, दिन मंगलवार को होगी। सावन की शिवरात्रि के साथ ही त्योहारों की शुरुआत हो जाएगी। सावन का महीना जिसे श्रावण मास कहा जाता है हिंदू धर्म में खास महत्व रखता है। श्रावण मास में पड़ने वाले चार सोमवार और सावन शिवरात्रि दोनों ही शिवभक्तों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
सावन के सोमवार के व्रत और शिवरात्रि की पूजा का खास महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि सावन में सच्चे दिल से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं सावन में शिवरात्रि की पूजा विधि, सावन शिवरात्रि का महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।
हर महीने की कृष्णपक्ष चतुर्दशी को शिवरात्रि होती है, सावन और फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को पड़ने वाली शिवरात्रि खास होती हैं। फाल्गुन में पड़ने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि इसी दिन शिव पार्वती का विवाह हुआ था। 2019 की महाशिवरात्रि 4 मार्च को थी। जोकि सोमवार को थी।
आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि की पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त
सोमवार का खास महत्व
2019 की महाशिवरात्रि 4 मार्च को थी। जोकि सोमवार को थी। सावन के सोमवार भी अपने आप में खास होते हैं। असल में सोमवार को भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने का खासा महत्व रहता है। सोमवार के दिन लोग व्रत भी रखते हैं, जिसे सोमश्वर कहा जाता है। सोमेश्वर के दो अर्थ होते हैं, पहला अर्थ चंद्रमा और दूसरा अर्थ देव। यानी जिसे सोमदेव भी अपना देव मानते हैं यानी शिव। शिवपुराण के मुताबिक हर सोमवार भगवान शिव की पूजा करने से काफी कष्टों से निजात पाई जा सकती है। माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति पर शिवजी प्रसन्न हो जाएं तो इससे उसकी कुंडली से सभी प्रकार के दोष दूर जाते हैं। इसके साथ ही गरीबी से भी छुटकारा मिल जाता है। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते वक्त इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
सावन शिवरात्रि के शुभ मुहूर्त
श्रावण मास 17 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है। माना जाता है कि इस शिवरात्रि के मौके पर शिव बहुत जल्दी पसन्न होते हैं. इस बार सावन शिवरात्रि 30 जुलाई को है। माना जाता है कि इस दिन शिवशंभू को जल चढ़ाने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। सावन शिवरात्रि यानी 30 जुलाई को शिव पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9:10 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक होगा।
सावन शिवरात्रि 2019 पूजा विधि
शिव को भोले के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि शिव को सच्चे मन से याद करने पर वे मदद करते हैं। इसलिए शिव की पूजा करने की विधि भी बेहद आसान माना जाती है। माना जाता है कि भोले की सच्चे मन से पूजा करना ही काफी है। सामान्य पूजा और सच्चे मन से अराधना कर ही आप शिव को प्रसन्न कर सकते हैं ऐसा माना जाता है।
भगवान शिव का अभिषेक
शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें और नहा-धोकर खुद को स्वच्छ करें। मंदिर में जाते समय जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, इत्र, चंदन, केसर, भांग सभी को मिलकार एक बर्तन में साथ ले जाएं और शिवलिंग का अभिषेक करें।
भगवान शिव का भोग
हम सभी जानते हैं कि शिव को भोले भी कहा जाता है। इसकी वजह है भी मानी जाती है कि वे अपने भक्तों से बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और जो भी भक्त चढ़ाते हैं प्रसन्नता से ग्रहण करते हैं। फिर भी शिव को भोग में कुछ चीजें चढ़ाने की मान्यता है. चलिए जानते हैं उनके बारे में-
- ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को गेंहूं से बनी चीजें अर्पित करने से आप उन्हें जल्दी प्रसन्न कर सकते हैं।
- माना जाता है कि एश्वर्य पाने के लिए शिव को मूंग का भोग लगाया जाना चाहिए।
- कहते हैं कि मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए शिव को चने की दाल का भोग लगाया जाना चाहिए।
- वहीं, शिव को तिल चढ़ाने की भी मान्यता है। माना जाता है कि शिव को तिल चढ़ाने से पापों का नाश होता है।