UP Board Result 2020: यूपी बोर्ड परीक्षा में 8 लाख स्टूडेंट्स हिंदी में फेल, संस्कृत में और बुरा हाल

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UP Board Result 2020: यूपी बोर्ड परीक्षा में 8 लाख स्टूडेंट्स हिंदी में फेल, संस्कृत में और बुरा हाल

UP Board Result 2020: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने शनिवार को 10वीं और 12वीं का रिजल्ट घोषित किया। मगर देश की सबसे बड़ी बोर्ड परीक्षा में इस साल हिंदी विषय के पेपर में करीब 8 लाख छात्र फेल हो गए। यूपी बोर्ड के अनुसार, लगभग 2.70 लाख छात्र इंटरमीडिएट में हिंदी परीक्षा में पास नहीं हो पाए। वहीं हाई स्कूल में फेल होेने वाले छात्रों की संख्या 5.28 लाख है।

यूपी बोर्ड हाईस्कूल में हिन्दी और प्रारंभिक हिन्दी का पेपर होता है। हिन्दी में 5,27,680 तो प्रारंभिक हिन्दी में 186 फेल हो गए। वही इंटर हिन्दी में 1,08,207 तथा सामान्य हिन्दी में 1,61,753 परीक्षार्थी फेल हुए हैं। इसके अलावा, लगभग 2.39 लाख छात्रों ने हिंदी के पेपर को छोड़ दिया था। इस बात से अंदाजा लगाया जाता सकता है छात्र कितनी बड़ी संख्या में हिंदी के पेपर को नजरअंदाज कर रहे हैं।


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कॉपियों का मूल्यांकन करने वाले शिक्षक का कहना है कि यह भाषा के ज्ञान के उनके स्तर को दर्शाता है। उन्होंने आगे कहा कि अधिकांश छात्र हिंदी को अनदेखा करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि इस भाषा का अध्ययन करने की कोई आवश्यकता नहीं है। एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “बहुत से बच्चों को ‘आत्मविश्वास’ जैसे सरल शब्द नहीं पता थे और उन्होंने ‘इंग्लिश में कांफिडेंस’ लिखा था, जिसकी स्पेलिंग भी गलत थी। यही नहीं कुछ बच्चों ने ‘यात्रा’ शब्द की जगह ‘इंग्लिश में सफर’ लिखा। बता दें, जो छात्र इस साल हिंदी के पेपर में फेल हुए हैं उन्हें सप्लीमेंट्री परीक्षा देने का मौका किया जाएगा।

पिछले साल 10 लाख बच्चे हुए थे फेल

इस बीच बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल हिंदी में फेल होने वाले छात्रों की संख्या लगभग 10 लाख थी। इस साल यूपी बोर्ड की बोर्ड परीक्षा में लगभग 56 लाख छात्र शामिल हुए थे।

गणित और संस्कृत में सबसे ख़राब रहा रिजल्ट

बता दें कि यूपी बोर्ड हाईस्कूल में 36 विषयों में परीक्षा हुई थी। प्रमुख विषयों की बात करें तो परीक्षार्थियों को सबसे ज्यादा झटका संस्कृत और गणित में लगा है। इसके अलावा अंग्रेजी और विज्ञान में भी काफी परीक्षार्थी गच्चा खा गए। सबसे खराब रिजल्ट गणित का है, जिसमें 27 प्रतिशत परीक्षार्थी फेल हुए हैं। वहीं संस्कृत में सिर्फ 62.50 प्रतिशत परीक्षार्थी पास हुए हैं। अंग्रेजी में 19.49 तो विज्ञान में 19.60 प्रतिशत परीक्षार्थियों को असफलता हाथ लगी है।



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