Engineer’s Day 2019: 15 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे? जानें इससे जुड़े तमाम तथ्य

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Engineer's Day 2019: 15 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे? जानें इससे जुड़े तमाम तथ्य

भारत में हर साल 15 सितंबर को अभियंता दिवस या इंजीनियर्स डे (Engineer’s Day) मनाया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसी दिन इंजीनियर्स डे क्यों मनाया जाता है? दरअसल, आज ही के दिन देश के सबसे नामी इंजीनियर और विद्वान रहे सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Sir Mokshagundam Visvesvaraya) का जन्म हुआ था। आज उनकी 159वीं जयंती है।

15 सितंबर 1860 को जन्मे विश्वेश्वरैया (Visvesvaraya) मैसूर के दीवान थे और उनका कार्यकाल 1912-1918 तक रहा। डॉ विश्वेश्वरैया (Visvesvaraya) जीवन उपलब्धियों से भरा रहा। इसके लिए उन्हें न सिर्फ़ 1955 में भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया बल्कि सार्वजनिक जीवन में योगदान के लिए किंग जॉर्ज पंचम ने उन्हें ब्रिटिश इंडियन एम्पायर के नाइट कमांडर से भी नवाज़ा। उनके सम्मान में उनके जन्म दिवस के ही दिन देश में इंजीनियर्स डे मनाया जाता है।


अपने समय में उन्होंने चीफ इंजीनियर की भूमिका निभाते हुए कर्नाटक में कृष्णा सागर बांध का निर्माण किया था। यह बांध मंड्या जिले में स्थित है। इसके अलावा उन्होंने हैदराबाद में बाढ़ नियंत्रण सिस्टम बनाने के लिए चीफ इंजीनियर के तौर पर काम किया था। अपनी सिंचाई परियोजनाओं के कारण उन्हें विश्वभर में सराहना मिली।

विश्वेश्वरैया (Visvesvaraya) ने स्वचालित स्लुइस गेट बनाए जो बाद में तिगरा डैम (मध्य प्रदेश में) और केआरएस डैम (कर्नाटक में) के लिए भी इस्तेमाल किए गए। इस पेटेंट डिज़ाइन के लिए उन्हें रॉयल्टी के रूप में एक बड़ी रकम मिलनी थी, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया ताकि सरकार इस धन का उपयोग विकास के अन्य परियोजनाओं के लिए कर सके।

बता दें कि साल 1895 और 1905 के बीच विश्वेश्वरैया ने भारत के विभिन्न हिस्सों में काम किया।


– हैदराबाद में उन्होंने जल निकासी प्रणाली में सुधार किया।

– बॉम्बे में उन्होंने सिंचाई और पानी की बाढ़ के फाटकों की ब्लॉक प्रणाली शुरू की।

– बिहार और उड़ीसा में वह रेलवे ब्रिज प्रोजेक्ट और जलापूर्ति योजनाओं का हिस्सा रहे।

– मैसूर में उन्होंने एशिया के सबसे बड़े बांध केआरएस बांध के निर्माण का पर्यवेक्षण किया।

सर विश्वेश्वरैया को न केवल भारत सरकार द्वारा प्रशंसा मिली, बल्कि दुनिया भर से मानद पुरस्कार और सदस्यता भी मिली। 101 साल की उम्र में 14 अप्रैल 1962 को उनका निधन हो गया। लेकिन उनका जीवन आज भी हमारे देश के सभी इंजीनियरों के लिए प्रेरणा स्रोत है। देश के निर्माण और विकास सभी इंजीनियरों को अभियंता दिवस (Engineer’s Day) की ढेर सारी शुभकामनाएं।


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