Yogini Ekadashi 2019: योगिनी एकादशी पर मिलती हैं पापों से मुक्ति, जानें इस दिन क्या न करें

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Kamika Ekadashi Vrat 2020 date time significance and pooja vidhi

हिंदू धर्म में ‘योगिनी एकादशी’ (Yogini Ekadashi) का बहुत महत्व माना जाता है। प्रत्येक वर्ष आषाढ मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को ‘योगिनी एकादशी’ के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष कल यानी 29 जून 2019 यह व्रत मनाया जाएगा। बता दें कि कई जगहों पर यह आज भी मनाई जा रही है।

हिंदू धर्म में हर माह एक एकादशी आती है। इनमें मोहिनी एकादशी, अपरा एकादशी, निर्जला एकादशी आदि लेकिन योगिनी एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। पुराणों में इस एकादशी के महत्व का व्याख्यान किया गया है। इस एकादशी के दिन भगवान श्री विष्णु जी की पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की भी पूजा करने से भी लाभ होता है। इस दिन सच्चे मन से व्रत रखने और पूजा करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।


योगिनी एकादशी के अवसर पर कुछ बातों को करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। आइये बताते हैं इस दिन क्या करने से बचना चाहिए।

योगिनी एकादशी पर क्या नहीं करें

  1. योगिनी एकादशी की रात सोना नहीं चाहिए। संध्याकाल शुरू होते ही भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठ कर सामूहिक रूप से भजन-कीर्तन आदि करनी चाहिए।
  2. योगिनी एकादशी के अवसर रात को जाग कर पूजा करने का प्रावधान होता है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि लोग रात को जाग कर पूजा करने की बजाय जुआ आदि में अपना समय निकालते हैं। ये अधार्मिक काम कर वे अपने जीवन में समस्याओं को न्यौता देते हैं। यह भगवान की पूजा- आराधना का दिन है इस दिन इस तरह के अधार्मिक काम नहीं करने चाहिए।
  3. झूठ बोलना एक बुरी आदत है। इस आदत को किसी खास दिन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी जिंदगी के लिए अपने जीवन से निकाल देना चाहिए। इस दिन झुठ बोलने से व्रत स्वीकार नहीं होता इसलिए झूठ नहीं बोलना चाहिए।
  4. योगिनी एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए, क्योंकि चावल खाने से मन चंचल होता है। इस दिन चावल खाने से व्यक्ति का मन प्रभु की भक्ति में नहीं लगता।
  5. इस दिन क्रोध को भी वश में रखना चाहिए। किसी भी जीव या व्यक्ति पर क्रोध नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन किसी भी प्रकार की हिंसा से बचना चाहिए, क्योंकि हिंसा से मानसिक विकृति जन्म लेती है।
  6. योगिनी एकादशी के दिन किसी भी वृक्ष का दातून करने से बचना चाहिए। ऐसा करने का कारण यह है कि इस दिन किसी भी फूल, पत्तीया पेड़ को तोड़ना या काटना वर्जित होता है।
  7. इस दिन सामाजिक और नैतिक अपराध जैसे कि चोरी आदि करने से भी बचना चाहिए।
  8. योगिनी एकादशी के अवसर पर उन लोगों को भी ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, जिन्होंने व्रत नहीं रखा है इस दिन मन को पूरी तरह से नियंत्रित रखना चाहिए।
  9. इस दिन पान, तंबाकू, जर्दा, सुपारी एवं शराब जैसी वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।

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