देशभर में नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनआरसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में एनआरसी बिल्कुल लागू नहीं होगा। संसद में नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने वाली जेडीयू ने कहा है कि उसको इस कानून से दिक्कत नहीं है, बशर्ते यह एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) के साथ न हो।
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नीतीश का ये बयान इस लिहाज से अहम है क्योंकि उसकी सहयोगी पार्टी बीजेपी पूरे देश में एनआरसी लागू करने की वकालत कर रही है। बता दें कि हाल ही में जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा था कि नीतीश कुमार ने वादा किया था कि राज्य में एनआरसी लागू नहीं होगा। नागरिकता संशोधन विधेयक का संसद में समर्थन करने के जेडीयू के फैसले का पार्टी के ही राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर खुलकर विरोध कर रहे हैं।
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पिछले दिनों नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने कहा कि जेडीयू को नागरिकता संशोधन कानून से बहुत दिक्कत नहीं है, बशर्ते यह एनआरसी (नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस) के साथ न हो। पीके ने बताया, ‘मुख्यमंत्री जी का यह कहना था कि एनआरसी के पक्ष में हम लोग नहीं हैं। अगर एनआरसी न हो तो सीएबी से कोई बहुत परेशानी नहीं है, जैसा कि गृह मंत्री (अमित शाह) ने भी बताया कि यह नागरिकता देने का बिल है, लेने का नहीं। लेकिन जब आप इसे एनआरसी से जोड़ देते हैं तो यह विभाजनकारी हो जाती है।’
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गौरतलब है कि 31 अगस्त को असम में एनआरसी की अंतिम सूची जारी की गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों का नाम नहीं आया।