VIDEO: रैपिंग के जरिये लोगों को जगा रहा दिल्ली का यह ‘गली बॉय’

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Delhi Gully Boy: 14-year-old rapper Sumit Kaku uses songs to highlight social issues

क्या आपने कभी लोगों को खुले में कूड़ा-कचरा फेंकते देख उन्हें स्वच्छता की सीख या कभी किसी को पानी बर्बाद करता देख उसे जल संरक्षण के महत्व को सिखाने की कोशिश की और आपकी ये कोशिश व्यर्थ हो गयी? बहरहाल, एक 14 साल के लड़के के पास लोगों को इस तरह की सीख देने का एक अनूठा तरीका है।

साउथ दिल्ली के पॉश एरिया वसंत विहार से सटे भंवर सिंह कैंप की गलियों में टोपी और जैकेट पहने, गाने के बोल गुनगुनाते सुमित को देखा जा सकता है। दरअसल, रैपिंग की दुनिया में रचा-बसा सुमित अपनी प्रतिभा की बदौलत हर दिन शब्दों के नए-नए जाल बुनता है। जो लोगों को न सिर्फ अपनी समस्याओं के बारे में सोचने पर मजबूर करते हैं बल्कि उनके समाधान ढूंढने को भी प्रेरित करते हैं।


Delhi Gully Boy: 14-year-old rapper Sumit Kaku uses songs to highlight social issues

सुमित का कहना है कि इन दिनों हर रैप कलाकार अपने गानों में पार्टियों और पैसे की बात करता है, जबकि समाज के अहम मुद्दों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। मैंने देखा है कि लोग खुले में कचरा फेंकते हैं और पानी बर्बाद करते हैं, इसलिए मैंने इन मुद्दों को रैप में शामिल करने का फैसला किया। महज 10 साल की उम्र से रैप म्यूजिक में दिलचस्पी रखने वाले सुमित का रैप टाइटल ‘काकू’ है।

बचपन में अपने बड़े भाई को रैप गाने सुनता देख सुमित संगीत की इस विधा के प्रति इस कदर आकर्षित हुआ कि कुछ सालों में ही वह अपने रैप गाने बनाने लगा। सुमित ने अपने 3-4 दोस्तों का एक ग्रुप बनाया हुआ है, जो बिना किसी प्रोफेशनल ट्रेनिंग के रैप करते हैं। आस-पड़ोस के लोग और स्कूल के शिक्षक भी इन लड़कों की कला के कायल हैं और जब-तब रैप सुनाने की फरमाइश करते रहते हैं।


Delhi Gully Boy: 14-year-old rapper Sumit Kaku uses songs to highlight social issues

न्यूज्ड से बात करते हुए, सुमित ने बताया कि वह प्रसिद्ध पंजाबी रैप कलाकार इक्का से प्रेरित है और उसे इक्का की “शुरुआत” और “इक्का इंटरव्यू” रैप बेहद पसंद हैं। अपने रैप टाइटल “काकू” के पीछे की कहानी बताते हुए सुमित ने कहा कि ज्यादातर मशहूर रैपर्स का नाम अंग्रेजी में लिखें तो वह 4 अक्षरों का है। जैसे कि गुरु (Guru), इक्का(Ikka), यो यो (Yo Yo) इत्यादि। इसलिए उन्होंने काफी सोच-विचार करने के बाद अपने लिए भी चार अक्षरों का ही एक नाम काकू (Kaku) चुना।

काकू के परिवार की बात करें तो वह 1996 में मुरादाबाद से दिल्ली आ गया था और तब से भंवर सिंह कैंप में रह रहा है। उसके पिता एक निजी कंपनी में सफाई कर्मचारी हैं, जबकि उनकी माँ एक गृहिणी हैं। रैपिंग के इस हुनर को अपनाने और आगे ले जाने में सुमित को उसके परिवार का पूरा समर्थन हासिल है।

जब न्यूज्ड ने सुमित के पिता से पूछा कि वह दूसरे बच्चों के माता-पिता को क्या सलाह देना चाहते हैं, तो उन्होंने कहा, “पढ़ाई के साथ-साथ माता-पिता को बच्चों को कम से कम एक शौक को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। आज सुमित की इस जूनून की वजह से हर उम्र के लड़के उसके दोस्त बन गए हैं। समाज, स्कूल और सभी रिश्तेदारों में हर कोई उसे पसंद करता है।”

संगीत के अलावा, सुमित की ताइक्वांडो में भी खासी रुचि है और भविष्य में वह रैपिंग के अपने जुनून के साथ एक साइड बिजनेस चलाने की इच्छा रखता है।


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