Navratri 2020: नवरात्रि का आठवां दिन महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता हैं। इस दिन मां महागौरी की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। कई वर्षों के कठोर तप के कारण मां पार्वती का रंग गौर वर्ण का हो गया था, तब जाकर भगवान शिव ने उनको गौर वर्ण का वरदान दिया, जिससे वो महागौरी कहलाईं।
महाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां महागौरी की कृपा से व्यक्ति के सभी पाप और कष्ट मिट जाते हैं। आज महाष्टमी के दिन आप मां महागौरी के दिए गए बीज मंत्र, प्रार्थना, स्तुति मंत्र का जाप करें और मां महागौरी की आरती करें।
Navratri कन्या पूजन अष्टमी Ashtami Kanya Puja shubh Muhurta
अष्टमी कन्या पूजा : 24 अक्टूबर दिन शनिवार सुबह 06 बजकर 58 मिनट तक
मां महागौरी की प्रार्थना
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
मां महागौरी की स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मंत्र
1. माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।
2. ओम देवी महागौर्यै नमः।
मां महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
मां महागौरी की आरती/Maa Mahagauri Ki Aarti
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।
चंद्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।
पूजा का महत्व
महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के दिन मां महागौरी की पूरे विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूह हो जाते हैं और उसे जीवन के सभी पापों से मुक्ति भी मिल जाती है। मां महागौरी की कृपा से सौभाग्य में वृद्धि होती है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
पूजा विधि
महाष्टमी के दिन मां महागौरी को नारियल का भोग लगाना चाहिए। इससे देवी महागौरी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं। नारियल चढ़ाने से विशेषकर संतान संबंधी समस्याओं का निवारण होता है।