Kharmas 2020: हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जब भी सूर्य गुरु देवगुरू बृहस्पति की राशि धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है। इसे पुरुषोत्तम मास (खरमास) कहा जाता है।
इस दौरान किसी भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है। खरमास में खर का अर्थ दुष्ट और मास का अर्थ महीना मतलब दुष्टमास महीना। इस मास में सूर्य बिलकुल क्षीण होकर तेज हीन हो जाते हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार कहा जाता है इस दिन शुभ कार्य करना वर्जित होते हैं। खरमास काल में घर अथवा दफ्तरों में किसी भी तरह के शुभ-मंगल कार्य नहीं किये जाते, यहां तक कि शुभ-विवाह जैसे मंगल कार्य भी वर्जित होते हैं।
यह महीना श्रीकृष्ण और श्रीविष्णु भक्तों के लिए बड़े पर्व की तरह होता है। इसलिए इस दौरान श्रीकृष्ण, श्रीविष्णु एवं सूर्य देव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
खरमास में नवरात्रि का है योग
ज्योतिष के अनुसार इस बार नवरात्रि का प्रारंभ खरमास काल में हो रहा है। चैत्रीय नवरात्रि 25 मार्च (बुधवार) से प्रारंभ हो रही है। इस दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की नव शक्तियों की आराधना एवं उपवास प्रारंभ होगा। चैत्रीय नवमी 02 अप्रैल (गुरूवार) को है।
खरमास काल में ये काम बिलकुल भी ना करें भूलकर
- 1.खरमास के महीने में विवाह से संबंधित किसी भी कार्य को नहीं करना चाहिए।
- 2.इस समय किये जाने वाले विवाह में भावनात्मक और शारीरिक सुख नहीं मिलता है। साथ ही जीवन में तनाव पैदा होने की संभावना होती है।
- 3.इस समय नई कंपनी, नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए। मान्याओं के अनुसार ऐसा करने पर भारी नुकसान होने हो सकता है।
- 4.इस माह में घर निर्माण कार्य नहीं करवाना चाहिए क्योंकि इस काल में बनाए घर जल्दी कमजोर पड़ जाते हैं। साथ ही गृह सुख भी नहीं आता।
- 5.इसके अलावा खरमास वाले समय में घर या ऑफिस खरीदने पर भी हानि होने की संभावना होती है।
कब तक रहेगा खरमास का काल
इस माह में खरमास शनिवार 14 मार्च से लेकर सोमवार 13 अप्रैल तक है। इस दौरान सूर्य देव दोपहर 2.23 बजे सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
खरमास काल में विवाह के लिए ये हैं शुभ मुहूर्त
अप्रैल मास में 14,15, 25 एवं 26 तिथि को चार शुभ मुहूर्त हैं।
मई मास में 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 18, 19, 23, 24 और 25 तिथि को कुल 16 मुहूर्त हैं।
जून मास में 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 29 और 30 तिथि को कुल मुहूर्त हैं।
नवंबर मास में 26, 29 और 30 तिथि को तीन शुभ मुहूर्त हैं।
दिसंबर मास में 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10 और 11 तिथि को आठ शुभ मुहूर्त हैं।