हर वर्ष 8 मई को दुनिया भर में ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ मनाया जाता है। इस दिन को जीन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। ड्यूनेंट 1901 में नोबेल पुसरकार पाने वाले पहले व्यक्ति थे। साथ ही वह ‘अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसायटी’ (International Red Cross Society) के संस्थापक थे।
वर्ल्ड रेड क्रॉस डे मनाने का मुख्य उद्देश्य ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट मूवमेंट’ (International Red Cross and Red Crescent Movement) के सिद्धांतों को बढ़ावा देना और इसकी खुशी मनाना है। वर्ल्ड रेड क्रॉस डे ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी’ के वॉलंटियर (Volunteer) और उनके काम को समर्पित होता है।
इस साल ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ का थीम ‘#love’ है। इस थीम के अंतर्गत इस साल मुख्य ध्यान इस बात पर होगा कि लोगों को ‘रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट’ के बारे में सबसे ज्यादा क्या पसंद है।
वर्ल्ड रेड क्रॉस डे का इतिहास
रेड क्रॉस की शुरुआत वर्ल्ड वॉर 1 (World War I) के बाद रेड क्रॉस के 14वें इंटरनेशनल कांफ्रेंस में की गई थी। इसकी शुरुआत इंटरनेशनल कमिशन ने की थी। रेड क्रॉस के सिद्धांतों को मान्यता 15वें इंटरनेशनल कांफ्रेंस में वर्ष 1934 में मिली, जिसके बाद इसे दुनियाभर में लागू किया गया।
‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस सोसाइटी’ (IFRC) ने ‘लीग ऑफ द रेड क्रॉस सोसाइटीज (LORCS) से हर वर्ष इसे मनाए जाने की मांग की। इसके 2 वर्ष बाद ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ मनाने की शुरुआत हुई। 8 मई 1948 को पहला ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ मनाया गया। वर्ष 1984 में आधिकारिक रूप से इसका नाम ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे और रेड क्रेसेंट डे’ रखा गया।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड रेड क्रॉस डे?
यह दिन दुनिया के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है। हर वर्ष ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ दुनिया भर में लोगों का जीवन बचाने के लिए मनाया जाता है। इस दिन को जीन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्होंने ‘अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी’ (International Red Cross Society) की स्थापना की थी। इस सोसाइटी का नारा ‘Find the Volunteer in side you’ (अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचानें) है।
जीन हेनरी ड्यूनेंट की ‘इंटरनेशनल रेडक्रॉस सोसायटी’ आपातकालीन स्थिति, जैसे युद्ध और प्राकृतिक आपदा में लोगों की मदद करती है। इस सोसाइटी की स्थापना 1863 में की गई थी। तब से अब तक यह संस्था लोगों के लिए काम कर रही है। भारत में इसकी स्थापना 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के अनुसार की गई। बता दें कि दुनिया के 210 देश रेड क्रॉस सोसाइटी से जुड़े हुए हैं।
दुनिया भर में रेड क्रॉस सोसाइटी (RCS) द्वारा यह दिन धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन RCS के सिद्धांतों को ध्यान में रख मनाया जाता है। बता दें कि इसके मुख्य सिद्धांतों में मानवता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, तटस्थता, सार्वभौमिकता, स्वैच्छिकता और एकता शामिल हैं।
इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य आपदा या युद्ध की स्थिति में फंसे लोगों की मदद कर उन्हें इससे बाहर निकालना और गंभीर बिमारियों से जूझ रहे लोगों की मदद करना है। यह दिन हर वर्ष एक नए थीम के साथ मनाया जाता है, ताकि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जा सके। इसके अलावा इस दिन को मनाए जाने का एक उद्देश्य यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा सरकारी और प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन को इसका हिस्सा बनाया जाए ताकि क्षेत्रीय स्तर पर ये संस्थाएं लोगों की मदद कर सकें।
वर्ल्ड रेड क्रॉस डे के अवसर पर दुनिया भर के ‘रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट सोसाइटी’ के 97 मिलियन वॉलंटियर को भी सम्मानित किया जाता है। बता दें कि इस ऑर्गनाइजेशन का वॉलंटियर नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा ऐसा नेटवर्क है। ये वॉलंटियर दुनिया के 170 देशों में काम करते हैं। अब तक इन वॉलंटियरस ने लगभग 240 मिलियन लोगों की मदद की है।
इस दिन पर विश्व भर में कई ऐसे प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें लोगों की मदद की जाती है। हर वर्ष जिला स्तर की रेड क्रॉस ब्रांच द्वारा 50 वॉलंटियर और तालुका रेड क्रॉस ब्रांच द्वारा 25 वॉलंटियर चुने जाते हैं जो लोगों की सेवा करते हैं।