Hiroshima Day: साल 1945 में आज ही के दिन अमेरिका (America) ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु हमला किया था। अमेरिका ने लिटिल बॉय बम गिराकर हिरोशिमा शहर पर भयंकर तबाही मचाई थी। इस परमाणु हमले में 1,40,000 लोग मारे गए थे। जापान के शहर हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए जाने के 74 साल पूरे हो गए।
हिरोशिमा (Hiroshima) के पीस मेमोरियल पार्क के ऊपर आज आसमान उसी तरह साफ था जैसे छह अगस्त,1945 को था जब अमेरिकी बी-29 बमवर्षक ने बंदरगाह वाले इस शहर में सैन्य अड्डों को निशाना बनाते हुए घातक परमाणु बम (Atomic Bomb) गिराया था। इस हमले में 1,40,000 लोग मारे गए थे।
आइये जानते हैं उस खौफनाक दिन से जुड़ी कुछ बातें…
– लिटल बॉय का वजन 9700 पाउंड (4400 किलोग्राम), लंबाई 10 फुट औक व्यास 28 इंच था।
– इस बम के कारण जमीनी स्तर पर लगभग 4,000 डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी पैदा हुई थी।
– बम हिरोशिमा के तय जगह पर नहीं गिराया जा सका था, यह हिरोशिमा के आइयो ब्रिज के पास गिरने वाला था मगर उल्टी दिशा में बह रहे हवा के कारण यह अपने लक्ष्य से हटकर शीमा सर्जिकल क्लिनिक पर गिरा।
– इस हमले के बाद 2 लाख लोगों पर आज भी रेडिएशन का असर बाकी है।
– बम गिराने से पहले अमेरिकी वायुसेना के जवानों ने लोगों को चेतावनी देने के लिए पर्चा गिराया था।
– परमाणु हमले में कुछ पुलिसवालों ने अपनी जान एटॉमिक चमक दिखने के बाद खास तरीके से छुपकर बचाई थी। इस प्रक्रिया को ‘डक एंड कवर’ कहा जाता है। इन पुलिसवालों ने नागासाकी जाकर बचाव के इस तरीके की जानकारी दी। जिससे नागासाकी परमाणु हमले में काफी लोगों ने अपनी जान बचाई।
– धमाके से 3900 डिग्री सेल्सियस तापमान गर्मी और 1005 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली आंधी पैदा हुई। इस बम में 6.4 किलोग्राम प्लूटोनियम था।
– हिरोशिमा के बाद 9 अगस्त को नागासाकी पर बम गिराया गया। नागासाकी शहर के पहाड़ों से घिरे होने के कारण केवल 6.7 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में ही तबाही फैल पाई। लगभग 74 हज़ार लोग इस हमले में मारे गए थे और इतनी ही संख्या में लोग घायल हुए थे।
– मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसी रात अमरीकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने घोषणा की, “जापानियों को अब पता चल चुका होगा कि परमाणु बम क्या कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘अगर जापान ने अभी भी आत्मसमर्पण नहीं किया तो उसके अन्य युद्ध प्रतिष्ठानों पर हमला किया जाएगा और दुर्भाग्य से इसमें हज़ारों नागरिक मारे जाएंगे।”
– अगर जापान 14 अगस्त को आत्मसमर्पण नहीं करता तो अमेरिका ने 19 अगस्त को एक और शहर पर परमाणु बम गिराने की योजना बनाई थी।