World Diabetes Day 2019: हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day) यानी विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड डायबिटीज डे को अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1991 में शुरू किया गया था। यह दिन पहली बार 1991 में मनाना शुरू किया गया था।
इसका उद्देश्य मुधमेह या डायबिटीज को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाने का है। मधुमेह या डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का एक समूह है, जिसमें खून में ग्लूकोज या ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। ऐसा तब होता है, जब शरीर में इंसुलिन ठीक से न बने या शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के लिए ठीक से प्रतिक्रिया न दें। जिन मरीजों का ब्लड शुगर सामान्य से अधिक होता है वे अक्सर पॉलीयूरिया (बार बार पेशाब आना) से परेशान रहते हैं। उन्हें प्यास (पॉलीडिप्सिया) और भूख (पॉलिफेजिया) ज्यादा लगती है।
Diabetes: कितने प्रकार का होता है डायबिटीज
टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)– इसमें इंसान के शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है या इंसुलिन का प्रभाव कम हो जाता है। दोनों ही हालात में शरीर में ग्लूसकोज की मात्रा बढ़ जाती है। टाइप 1 डायबिटीज जन्मजात होती है। इस प्रकार के डायबिटीज के मरीजों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)– इसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बना पाता। दुनिया भर में मधुमेह के 90 फीसदी मामले इसी प्रकार के हैं। इसका सबसे आम कारण शरीर का भारी वजन (मोटापा) और पर्याप्त एक्सरसाइज न करना है। कई बार यह आनुवांशिक (हेरेडिट्री) कारणों से भी होता है जबकि कई मामलों में खराब लाइफस्टाइल और दिनचर्चा इसके लिए जिम्मेदार हैं। टाइप 2 डायबिटीज को नियमित एक्सरसाइज व वर्कआउट, बैलेंस्ड डाइट और दवाइयों के प्रभाव से कंट्रोल में रखा जा सकता है
टाइप 3 डायबिटीज (Type 3 Diabetes)– मधुमेह का तीसरा प्रकार है गैस्टेशनल मधुमेह, जो गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होता है।
ऐसे कर सकते हैं डायबिटीज को कंट्रोल (Manage Your Diabetes)
उचित व्यायाम, आहार और शरीर के वजन पर नियन्त्रण बनाए रखकर मधुमेह को नियन्त्रित रखा जा सकता है।अगर मधुमेह पर ठीक से नियन्त्रण न रखा जाए तो मरीज में दिल, गुर्दे, आंखें, पैर एवं तंत्रिका संबंधी कई तरह की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।
क्यों होता है मधुमेह या डायबबिटीज (Diabetes: Cause)
1. जीवनशैली: गतिहीन जीवनशैली, अधिक मात्रा में जंक फूड, फिजी पेय पदार्थो का सेवन और खाने-पीने की गलत आदतें मधुमेह का कारण बन सकती हैं। घंटों तक लगातार बैठे रहने से भी मधुमेह की संभावना बढ़ती है।
2. मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता: अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से ज्यादा सक्रिय न हो अथवा मोटापे का शिकार हो, उसका वजन सामान्य से अधिक हो तो भी मधुमेह की सम्भावना बढ़ जाती है। ज्यादा वजन इंसुलिन के निर्माण में बाधा पैदा करता है। शरीर में वसा की लोकेशन भी इसे प्रभावित करती है। पेट पर अधिक वसा का जमाव होने से इंसुलिन उत्पादन में बाधा आती है, जिसका परिणाम टाइप 2 डायबिटीज, दिल एवं रक्त वाहिकाओं की बीमारियों के रूप में सामने आ सकता है। ऐसे में व्यक्ति को अपने बीएमआई (शरीर वजन सूचकांक) पर निगरानी बनाए रखते हुए अपने वजन पर नियन्त्रण रखना चाहिए।
3. जीन एवं पारिवारिक इतिहास: कुछ विशेष जीन मधुमेह की सम्भावना बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों के परिवार में मधुमेह का इतिहास होता है, उनमें इस रोग की सम्भावना अधिक होती है।
भारत में तेजी से फैल रहा है डायबिटीज
विश्व के बाकी देशों की तुलना में भारत में डायबिटीज सबसे तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। जहां अधिकतर देशों में डायबिटीज पीड़ित 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, भारत में 30 से 50 वर्ष के लोग इस बीमारी की चपेट में सबसे अधिक आते हैं। 25 साल से कम उम्र के हर 4 में से एक युवा डायबिटीज से पीड़ित है। साल 2012 के आंकड़ों के मुताबिक डायबिटीज से दुनिया भर में 15 लाख लोगों की मौत हुई थी। वर्तमान में दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों में डायबिटीज सातवीं सबसे बड़ी वजह है।
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